Sharad Pawar: कभी हां कभी ना के बीच शरद पवार आखिर विपक्षी एकता के सारथी बन गए!
पिछले काफी समय से एनसीपी (Nationalist Congress Party) प्रमुख शरद पवार को लेकर कई तरह की कहानी मीडिया में चल रही थी। कुछ कहानी बनाई जा रही थी तो कुछ पवार परिवार की तरफ से हालात भी दिख रहे थे। शरद पवार (Sharad Pawar) ने जब जेपीसी की मांग को बेकार बताया तो विपक्ष में इसकी काफी आलोचना की गई। हालांकि पवार ने अपने बयां में सुधार किया था। लेकिन मीडिया ने इस मामले को काफी टूल दिया और कहा कि पवार विपक्षी एकता में नहीं रह पाएंगे। इसके तुरंत बाद पिछले दिनों शरद पवार के भतीजे अजित पवार की मुलाकात एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और देवेन्द्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) से हुई। इस घटना के बाद विपक्ष को भी लगा कि पवार परिवार को बड़ा खेल कर रहा है। कांग्रेस और शिवसेना ने इसकी काफी आलोचना की। लेकिन अब सब कुछ खतम हो गया है।
गुरुवार की शाम को शरद पवार की मुलाकात खड़गे और राहुल गाँधी से हुई। कई तरह की बातें हुई और कई तरह की रणनीति बनने के बाद पवार ,खड़गे और राहुल गांधी ने मीडिया से मुलाकात की। मीडिया को बताया गया कि देश और लोकतंत्र के साथ ही संविधान को बचाने के लिए हम एक होकर लड़ने को तैयार हैं हम एक -एक कर सभी से बात करेंगे और मिलकर अगला चुनाव भी लड़ेंगे। इस घटना के बाद विपक्षी एकता की कहानी आगे तेजी से बढ़ने लगी है।
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा है कि देश और लोकतंत्र बचाने के लिए और संविधान को सुरक्षित रखने के लिए ,बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए ,युवाओं के रोजगार के लिए और मुद्रास्फीति और स्वायत निकायों के दुरूपयोग जैसे मुद्दों के लिए ,हम एक होकर लड़ने को तैयार हैं। हम सभी दलों से बात करेंगे। पवार साहब ने भी यही बात कही है। पवार से मुलाकात की तस्वीर ट्वीट करते हुए खड़गे ने लिखा हम अपने लोगों के बेहतर ,उज्जवल और सामान भविष्य के लिए एकजुट हैं।उधर इस मुलाकात के बाद शरद पवार ने कहा कि हमारी सोंच विल्कुल वही है जो खड़गे साहब ने आपको बताई है। लेकिन सिर्फ सोंचने से काम नहीं चलेगा। एक प्रक्रिया करने की जरूरत है। यह तो बस शुरुआत है। इसके बाद चाहे वह ममता बनर्जी हों ,केजरीवाल हों ,यह अन्य सभी महत्वपूर्ण विपक्षी दलों को इस प्रक्रिया में शामिल करने का प्रयास करने के लिए बातचीत की जाएगी।
कहा जा सकता है कि अगले साल के लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी एकता की दिशा में प्रयास तेज हो गए हैं। पवार से मुलाकात के बात इस दिशा में काम और भी तेजी से बढ़ेंगे। उधर ,नीतीश कुमार पहले ही मिलकर पटना जा चुके हैं। नीतीश कुमार ने भी वाम दलों के नेताओं के साथ ही केजरीवाल से मुलाकात की है।