समय का पहिया जब घूमता है तो स्थितियां भी बदलने लगती है। इसलिए कहा जाता है कि कोई चीज यहां स्थाई नहीं। जब इंसान की ही कोई बिसात नही तो राजनीति की क्या बिसात ! बीजेपी (BJP) ने शिंदे को आगे बढ़ाकर शिवसेना को खंडित किया ।शिव सेना (Shiv Sena) को खंडित करने में हिंदुत्व का सहारा लिया गया। बीजेपी (BJP) ने शिंदे को समझाया कि बीजेपी और शिवसेना समान धर्मी है लेकिन उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने उसके साथ धोखा किया और एनसीपी कांग्रेस (Congress) के साथ गठबंधन कर लिया। शिंदे पूरी तैयारी के साथ शिव सेना से अलग हो गए। शिव सेना (Shiv Sena) के 40 विधायक शिंदे गुट से मिल गए। बाद में चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को हो असली शिवसेना कहा और उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) फिर मशाल चुनाव चिन्ह के साथ उद्धव शिव सेना के नाम से जाना गया ।
अभी महाराष्ट्र (Maharashtra) में शिंदे शिवसेना सिर बीजेपी की सरकार चल रही है। लेकिन बीजेपी (BJP) को लग रहा है कि शिंदे गुट के 16 विधायको की सदस्यता जा सकती है। मामला अभी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में है। और कोर्ट ने ऐसा आदेश से दिया तो फिर क्या होगा ? बीजेपी की असली चिंता यही है। बीजेपी की चिंता शिंदे और उसके गुट को लेकर नही है। उसकी चिंता अपनी सरकार को लेकर है ।बीजेपी जानती है कि बिना किसी के सहयोग से वह महाराष्ट्र में सरकार नही चल सकती। जिस खेल के जरिए बीजेपी ने पहले शिवसेना को बर्बाद किया वही खेल एनसीपी के साथ करती दिख रही है ।
नसीपी में भले ही अजीत पवार (Ajit Pawar) चाहे जो भी कहते दिख रहे हों लेकिन सच वाह नही है जो पवार का रहे हैं। बीजेपी चाहती है कि लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) से पहले एनसीपी में टूट हो। अजीत पवार के नेतृत्व में 40 विधायक एनसीपी से निकले। इससे बीजेपी को दो लाभ भी है ।एक तो शिंदे से उसे छुटकारा मिल जाएगा और सरकार बची रहेगी और दूसरा लाभ यह होगा कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी की स्थिति अजीत पवार (Ajit Pawar) के सहयोग से ठीक होगी। बीएमसी चुनाव में भी लाभ होगा। ये सब तो बीजेपी की रणनीति है ।
उधर शिंदे गुट को बीजेपी के इस खेल की जानकारी लग गई है ।उसे यह भी लगने लगा है कि बहुत लंबे समय तक एक बीजेपी के साथ नही रह सकता। लेकिन उसे यश भी मंजूर नहीं है कि कोई उसे यूज करके बाहर फेंक दे। यही वजह है कि बीजेपी और अजीत पवार के बीच जो भी चल रहा है उसे समझ कर शिंदे गुट ने बीजेपी (BJP) को चेतावनी दी है। शिंदे गुट ने कहा है कि बीजेपी को अजीत पवार के साथ नही जाना चाहिए। शिंदे गुट ने यह भी कहा है कि अगर बीजेपी अजीत पवार के साथ हाथ मिलती है तो वह सरकार से बाहर हो जायेगी ।याद रहे बीजेपी के समर्थन से शिंदे सीएम बने हुए हैं ।
Read Also: Srinivas BV: असम यूथ कांग्रेस की अध्यक्ष अंगकिता दत्ता ने श्रीनिवास बी.वी. पर लगाए उत्पीड़न के आरोप
शिंदे गुट के प्रवक्ता ने साफ तौर पर कहा है कि हमने कांग्रेस और एनसीपी को छोड़ा क्योंकि हम उनके साथ नही रहना चाहते। पवार एनसीपी (NCP) को छोड़कर आते है तो हम इनका स्वागत करते हैं लेकिन एनसीपी गुट के साथ आएंगे तो फिर हैं बाहर चले जायेंगे। हालांकि अभी पवार ने सबकुछ ठीक होने की बात कही है और एनसीपी (NCP) में ही रहने का ऐलान भी किया है ।लेकिन सच यही नही है। जिस तरह शिंदे गुट शिवसेना ने ही रहने की बात करते है ठीक वही कहानी अजीत पवार भी तो रच सकते हैं ?