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संसद भवन कांड में आया चौंकाने वाला मोड़, आरोपी ललित झा के घर पर पोस्टर लगाने वाले कौन?

Parliament House Security Breach News and Updates : संसद भवन कांड के आरोपी ललित (Lalit jha) के घर पर कुछ अनजान लोग पहुंचकर एक पोस्टर लगा दिया। यही नहीं वो ललित झा की मां को लेकर कोर्ट भी गए और वहां एक हलफनामा दिया। अब इलाके में ये चर्चा जोरों पर है कि ये लोग कौन थे और ललित झा से इनका क्या संबंध है? इस कांड में ATS और दिल्ली पुलिस भी ललित झा के घरवालों से पूछताछ कर चुकी है।


संसद की सुरक्षा में चूक मामले के मुख्य आरोपी ललित झा के केस में नया मोड़ आ गया है। बुधवार को एक गाड़ी ललित झा के घर के नजदीक आकर रूकी और उस गाड़ी में से एक महिला, जिसका नाम कल्पना इनामदार, सहित 3-4 लोग निकल कर ललित के घर आए। वो सभी लोग ललित के माता पिता से मिले और कहा कि ललित एक क्रांतिकारी व्यक्ति है। हम उसकी लड़ाई को आगे लड़ेंगे। ये कहने के बाद उन्होंने ललित के घर के ऊपर एक बैनर को टांग दिया। जिसपर राष्ट्रीय लोक आंदोलन समिति की अध्यक्ष महिला ने अपने आप को बताया है। बैनर पर संसद भवन सेंध में गिरफ्तार सभी आरोपियों के फोटो लगे हुए है। बताया जाता है कि महिला ने खुद को राष्ट्रीय लोक आंदोलन मुंबई की कार्यकारी अध्यक्ष कल्पना इनामदार बताते हुए ललित की मदद करने की बात कही है।


ललित के घर बैनर लगाने वाले कौन

केस के तथाकथित 6 आरोपियों का फोटो लगे पोस्टर के नीचे कल्पना इनामदार की भी फोटो लगी हुई थी। यह बैनर उनके घर पर लटका दिया। इनमें से एक शख्स ने ललित के माता-पिता से बातचीत करते हुए कहा कि ‘ललित झा क्रांतिकारी युवक है। उसने आम आदमी के मुद्दे को लेकर संसद भवन में प्रवेश किया। हम उसकी मांगों का समर्थन करते हैं। हालांकि किसी भी मांग को सरकार के समक्ष रखने का यह तरीका गलत है। मैं इसकी मैं निंदा करता हूं।’ उन लोगों कहा कि ललित झा से उनका पुराना परिचय रहा है। वह देश में व्याप्त बेरोजगारी और महंगाई के विरुद्ध आवाज उठा रहा था।

ललित से पुरानी पहचान का दिया हवाला

उन्होंने बताया कि Lalit jha से उनकी पहली मुलाकात डेढ़ साल पहले यानी 19 जून 2022 को दिल्ली में बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे पर आयोजित होने वाली एक बैठक में हुई थी। ‘वहां भी उसने कहा कि इस तरह के मुद्दे संसद में नहीं उठाए जा रहे हैं। इसके लिए मैं क्रांति करूंगा। उस समय भी मैंने उसे आंदोलन में हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया था। इसी मुद्दे को लेकर फिर से 20 अप्रैल 2023 को दिल्ली में एक कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया था। स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा इसकी अनुमति भी दे दी गयी थी। ठीक उसी वक्त, जब कार्यक्रम प्रारंभ होता, उसे निरस्त कर दिया गया। उस वक्त भी ललित ने कहा था कि मैडम ये लोग बगैर आंदोलन के वैसे कुछ नहीं होने देंगे। मैं उनकी मांगों का समर्थन करता हूं।’

संसद कांड भी उन लोगों ने की निंदा

आगे इन लोगों ने कहा कि ‘हालांकि जिस तरह से उन्होंने (ललित झा और उसके साथी) अपनी मांग को लेकर संसद की सुरक्षा व्यवस्था में सेंधमारी की, वो निंदनीय है। उन्होंने कहा कि आज भी देश में महंगाई और बेरोजगारी के विरुद्ध आंदोलन होना चाहिए। इसमें ललित अग्रणी भूमिका निभा रहा था। आंदोलन के लिए पैसे की आवश्यकता होती है जो उसके पास नहीं था। वो लोग कोई अपराधी या आतंकवादी नहीं है। केंद्र सरकार उनकी सजा माफ करे। उनके साथ बैठकर बात करे।’ इसी तरह की बातें उन्होंने ललित के घर लगाए बैनर में भी लिखा था। उसमें केंद्र सरकार से उन्होंने अपराधी नहीं, क्रांतिकारी मानते हुए उसके साथ बैठक कर राहत देने की मांग की। महिला ने उनके माता-पिता की माली हालत देख उन्हें आश्वस्त किया कि ‘ललित को न्याय दिलाने के लिए उसका हरसंभव मदद करूंगी। ललित पर दर्ज सभी मुकदमा मैं लडूंगी। इसके लिए आपको लिखित देना होगा। यह कहते हुए वो ललित की मां को अपनी गाड़ी पर बिठकर स्थानीय बेनीपुर व्यवहार न्यायालय ले आईं। इसके बाद अपने नाम से हलफनामा बनाते हुए सरकार द्वारा ललित पर दर्ज कराये गए सभी मुकदमा लड़ने का आश्वासन बूढ़े माता-पिता को दिया। इस दौरान ललित के भाई सोनू झा भी वहीं मौजूद थे।’

Written By । Prachi Chaudhary । Nationa Desk । Delhi

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