ट्रेंडिंगबॉलीवुडमनोरंजन

इंजीनियरिंग परीक्षा छोड़, जॉइन किया FTII, पेरेंट्स के खिलाफ जाकर बने एक्टर

Bollywood Latest News in Hindi: बॉलीवुड (Bollywood) और छोटे पर्दे में पिछले 44 वर्षों से अभिनय कर रहे दिग्गज अभिनेता राकेश बेदी किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। स्क्रीन पर आते ही उनकी बातें सुन लोगों के मन में गुदगुदी शुरू हो जाती है। उन्होंने सैकड़ों मूवीज की और कई नामी चेहरों के साथ काम किया।

Read: Entertainment News Upadte in Hindi | News Watch India

‘चाहे चश्मे बद्दूर’ में ओमी, तो ‘ये जो है जिंदगी’ में राजा और ‘श्रीमान श्रीमती’ में दिलरुबा के रूप में घर-घर फेमस हुए अभिनेता राकेश बेदी ( Rakesh Bedi) को कौन नहीं जानता। पिछले 44 सालों से वह टीवी और फिल्म इंडस्ट्री में एक्टिव हैं। उन्होंने दर्शकों के बीच अपनी एक अलग पहचान बनाई है। वह कई चर्चित मूवीज से लेकर सुपरहिट टीवी शोज का हिस्सा भी रह चुके हैं। अक्सर कॉमिक रोल्स से सबको हंसाने-गुदगुदाने वाले ये एक्टर खुद को आज भी एक थिएटर आर्टिस्ट मानते हैं।

अभिनेता राकेश बेदी (Actor Rakesh Bedi) का जन्म 1 दिसंबर, 1954 को हुआ था। इनकी उम्र 69 साल है। दिल्ली के करोल बाग में जन्मे एक्टर ने DPS और केंद्रीय विद्यालय से पढ़ाई की है। 1985 में इन्होंने अराधना बेदी से शादी की थी, जो कि फिल्म प्रोडक्शन कंपनी सिनेमा विजन इंडिया की CEO हैं। इनकी 2 बेटियां है। एक का नाम रितिका बेदी है और दूसरी का रिदिमा बेदी। दोनों ही एक्ट्रेस हैं। पिता का नाम गोपाल बेदी है, जो कि इंडियन एयरलाइन्स में एरोनॉटिकल इंजीनियर थे।

पेरेंट्स के खिलाफ जाकर बने एक्टर

आपको बता दें अभिनेता राकेश बेदी ( Rakesh Bedi) स्कूल में पढ़ाई के दौरान काफी कमजोर थे। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह केमेस्ट्री में बहुत खराब थे। वह प्रैक्टिक्स के ही भरोसे रहते थे, जिससे वो पासिंग मार्क्स पा सकें। उन्होंने स्कूल से ही मोनो एक्टिंग में हिस्सा लेना शुरू कर दिया था। उन्होंने इस दौरान कई कॉम्पटीशन्स भी जीते थे। और यहीं से उन्होंने एक्टिंग की दुनिया में आने का मन बना लिया था। हालांकि उनके पेरेंट्स इस बात से खुश नहीं थे। वह चाहते थे कि राकेश इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन करें। हालांकि उन्होंने इसके लिए इंट्रेंस एग्जाम की तैयारी की लेकिन परीक्षा के शुरू होने के 5 मिनट बाद ही उन्होंने आंसर शीट लौटा दी और कहा कि वो गलत पते पर आ गए हैं।

शॉर्ट फिल्मों में भी काम कर चुके राकेश बेदी

राकेश बेदी ( Rakesh Bedi) ने वहां से निकलकर एक्टिंग में ग्रेजुएशन फिल्म एंड टीवी इंडस्टीट्यूट यानी FTII से किया। फिर थिएटर करना शुरू किया। उन्होंने अपने थिएटर प्ले Massage में 24 अलग किरदार निभाए थे, जो कि काफी पॉपुलर हुआ था। इसके अलावा Jab We Seprated और Patte Khul Gaye जैसे प्लेज भी शामिल थे। 1972 में इन्होंने अपना थिएटर ग्रुप शुरू किया, जिसका नाम अंकुर आर्ट्स रखा। ये दिल्ली में स्थित है। इन्होंने कई हिंदी शॉर्ट्स फिल्म में भी एक्टिंग की। इसमें ‘बोंगा’, ‘सोशल डिस्टेंसिंग’, ‘मेरा नंबर कब आएगा’ और ‘रेंट’ शामिल हैं।

पहली फिल्म साल 1979 में की थी

राकेश बेदी ने ‘श्रीमान श्रीमती’ में दिलरुबा का रोल निभाया था जिससे वह रातों-रात फेमस हो गए थे। लेकिन एक्टिंग करियर की शुरुआत उन्होंने साल 1979 में फिल्म ‘एहसास’ से की थी। एक्टर ने ‘इंडियन एक्सप्रेस’ से खास बातचीत में बताया था कि ये मूवी उनके लिए एक कैम्पस प्लेसमेंट जैसी थी। ये FTII में उनके कॉन्वोकेशन के वक्त उन्हें ऑफर हुई थी। ‘शोले’ के प्रोड्यूसर जेपी सिप्पी उस इवेंट में बतौर चीफ गेस्ट आए थे। ‘इवेंट में, मैंने लव इन पेरिस वॉर इन कच्छ नामक थिएटर प्रोडक्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। मेरा प्रदर्शन देखने के बाद सिप्पी साहब ने मुझसे कहा कि वह एक फिल्म बना रहे हैं और मैं उनके एक्टर्स में से एक हूं।’

50 वर्षों से थिएटर से जुड़े हैं अभिनेता राकेश बेदी

अभिनेता राकेश बेदी की फिल्मी सफर की शुरूआत हो गई लेकिन उन्होंने आज तक किसी भी बात का अफसोस नहीं किया। उन्हें अपनी जिंदगी में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिले, लेकिन उन्होंने सबका हंसते-हंसते सामना किया। राकेश बेदी FTII जॉइन करने से पहले दिल्ली में एक थिएटर ग्रुप का हिस्सा थे। उनके साथ कई नाटक भी किए थे। वह ग्रेजुएट हुए और भारत के सबसे पुराने थिएटर ग्रुप IPTA (इंडियन पीपुल्स थिएटर एसोसिएशन) में शामिल हो गए, और तब से वह स्टेज पर परफॉर्मेंस देते रहे। कोरोना लॉकडाउन के 2 सालों को छोड़कर. उनका कोई दिन ऐसा नहीं जब वो मंच पर ना गए हों।

इंडस्ट्री में टाइपकास्ट हुए राकेश बेदी

राकेश बेदी टाइपकास्ट भी हुए लेकिन उन्हें अफसोस नहीं। उन्होंने कहा था कि ‘मुझे टाइपकास्ट होना पड़ा क्योंकि मेरे पास कोई रास्ता नहीं था। जब मैं फिल्म इंडस्ट्री में शामिल हुआ, तो हम केवल फैमिली नाटक बना रहे थे, जिसमें एक एक्टर, एक एक्ट्रेस और एक विलेन होता था। शुरू में लड़ाई और फिर अंत में हैप्पी एंडिंग हो जाती थी। उस वक्त कुछ शर्तें थीं – हीरो 6 फीट का होना चाहिए, हीरोइन इतनी सुंदर होनी चाहिए, और विलेन ऐसा दिखना ही चाहिए। अब, मैं इस सब में कहां फिट बैठूंगा? हालांकि, वहां एक कॉमेडियन (Commidian) का भी किरदार होता था और मुझे काम चाहिए था। इसलिए, कोई ऑपशन न होने पर, मैं सीधे इसमें उतर गया।’

राकेश बेदी की फैमिली और फिल्में

राकेश बेदी ने बतौर राइटर और डायरेक्टर भी काम किया है। हिंदी पॉडकास्ट सीरीज ‘मेरा वो मतलब नहीं था’ इन्हीं की लिखी और डायेरक्ट की हुई थी। वह मराठी फिल्म ‘ट्रिपल सीट’ में भी दिखे थे। वह पंजाबी फिल्म ‘मैं तू अस्सी तुस्सी’ में भी करम सिंह के रोल में नजर आए थे। इतना ही नहीं, वह ओटीटी की कई वेब सीरीज का भी हिस्सा रह चुके हैं। चर्चित फिल्मों की बात करें तो इसमें ‘राम तेरी गंगा मैली’, ‘दिल है कि मानता नहीं’, ‘गदर एक प्रेम कथा’, ‘उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक’ और ‘कूली नंबर 1’ शामिल है।

Prachi Chaudhary

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button