Special Session of Parliament: आज संसद का विशेष सत्र प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के साथ ही शरू हुआ। पहली बार प्रधानमंत्री ने पहले मीडिया को सम्बोधित किया और फिर संसद को सम्बोधित करते हुए संसद के पुराने भवन से लेकर नए भवन के बारे में कई बातें देश के सामने रखने की कोशिश की। संसद की कार्यवाही आज पुराने भवन में ही शुरू हुई है। जानकारी के मुताबिक कल से सत्र नए भवन से जारी रहेगा। पांच दिनों के सत्र में चार प्रमुख बिल तो पास हाेने ही है । देश की उपलब्धियों का भी बखान किया जाएगा।
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संसद को सम्बोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश 75 वर्षों की संसदीय यात्रा को याद करने और नए संसद में जाने से पहले उन प्रेरक पलों को इतिहास की महत्वपूर्ण घड़ी को याद करने का अवसर है। उन्होंने कहा कि हम अब इस ऐतिहासिक भवन से विदा ले रहे हैं। आजादी से पहले ये सदन इम्पीरियल लेजिस्लेटिव कौंसिल था। आजादी के बाद इसे संसद भवन के रूप में पहचान मिली।
पीएम मोदी ने कहा कि यह सही है कि इस इमारत के निर्माण का फैसला विदेशी शासकों ने लिया था लेकिन हमें ये बात कभी नहीं भूलनी चाहिए कि इस भवन के निर्माण में परिश्रम, पसीना और पैसा देश वासियों ने ही लगाया था। हम भले ही नए भवन में जायेंगे लेकिन यह पुराना भवन आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरणा देता रहेगा।
पीएम मोदी ने लोकसभा में चंद्रयान की सफलता की भी बात की। उन्होंने कहा कि चंद्रयान 3 की सफलता से आज पूरा देश अभिभूत है। इसमें भारत के सामर्थ्य का एक नया रूप जो आधुनिकता, विज्ञान, तकनीक, हमारे वैज्ञानिकों और देश वासियों के संकल्प की शक्ति से जुड़ा हुआ है। यह सब देश और दुनिया पर नया प्रभाव डालने वाला है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अभी हाल ही में जी 20 की बैठक को सबने देखा। जी 20 की सफलता किसी एक व्यक्ति, किसी दल की सफलता नहीं यह तो देशवासियों की सफलता है। भारत इसके लिए हमेशा गर्व करेगा कि भारत की अध्यक्षता के दौरान ही अफ्रीकन यूनियन जी 20 का स्थाई सदस्य बना। यह हम सबके लिए गर्व की बात है। आज पूरा विश्व भारत में अपना मित्र खोज रहा है। भारत की मित्रता का अनुभव कर रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि करीब-करीब 7500 से ज्यादा प्रतिनिधि अब तक दोनों सदनों में अपना योगदान दे चुके हैं। करीब 600 महिला सांसदों ने दोनों सदनों की गरिमा को बढ़ाया है।