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Speed ​​wreaks havoc in Dehradun: देहरादून में तेज रफ्तार का कहर: कार एक्सीडेंट में गई 6 लोगों की जान, हादसों की रोकथाम के लिए समिति गठित

देहरादून में तेज रफ्तार का कहर: कार एक्सीडेंट में गई 6 लोगों की जान, हादसों की रोकथाम के लिए समिति गठित

Speed ​​wreaks havoc in Dehradun: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में हुए एक दर्दनाक हादसे ने 6 जिंदगियों को खत्म कर दिया। 12 नवंबर की सुबह लगभग 1:30 बजे, देहरादून के ओएनजीसी चौक पर तेज रफ्तार से चल रही इनोवा कार एक कंटेनर के पिछले हिस्से में टकरा गई, जिससे कार बुरी तरह चकनाचूर हो गई। कार में सवार 7 युवक-युवतियों में से 6 (3 युवक और 3 युवतियां) की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। इस दुखद घटना के बाद जिला प्रशासन और परिवहन विभाग हादसों की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए तत्पर हो गए हैं और कदम उठाने का संकल्प लिया है।

हादसे के बाद जिला प्रशासन हरकत में


इस घटना के बाद जिला सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष और जिलाधिकारी सविन बंसल ने दुर्घटनाओं की जांच और रोकथाम के लिए एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया। समिति की अध्यक्षता संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) शैलेश तिवारी कर रहे हैं, और इसमें सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) ऋषिकेश और विकासनगर भी शामिल हैं। इस समिति का उद्देश्य इस साल जनवरी से लेकर अब तक के सभी सड़क हादसों का विश्लेषण करना है, साथ ही दुर्घटनाओं के संभावित कारणों और जोखिम वाले स्थानों पर सुधार के उपाय सुझाना है। समिति को 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।

हादसों पर लगाम लगाने के लिए विशेष चेकिंग अभियान


इस घटना के बाद परिवहन विभाग ने पुलिस के साथ मिलकर रात में ओवरस्पीडिंग के खिलाफ विशेष चेकिंग अभियान चलाने का निर्णय लिया है। देहरादून में रात के समय तेज रफ्तार गाड़ियों के कारण बढ़ते हादसों पर काबू पाने के लिए यह अभियान महत्वपूर्ण होगा। इसमें पुलिस और परिवहन विभाग की टीमें विभिन्न स्थानों पर तैनात होंगी और रात में गाड़ियों की गति पर निगरानी रखेंगी, ताकि कोई भी वाहन निर्धारित गति सीमा का उल्लंघन न करे।

हादसे ने खोली सुरक्षा व्यवस्थाओं की पोल


इस दुर्घटना ने देहरादून की सड़क सुरक्षा और रात के समय की पुलिस चेकिंग व्यवस्था की पोल खोल दी है। सवाल उठ रहे हैं कि इतनी तेज रफ्तार में दौड़ती कार को न तो पुलिस ने कहीं रोका और न ही परिवहन विभाग की कोई टीम रात में नजर आई। एक झटके में हुई इस घटना ने न केवल 6 जिंदगियों को खत्म किया, बल्कि इसने स्थानीय प्रशासन और परिवहन विभाग की तत्परता पर भी सवाल खड़े किए हैं। दुर्घटना स्थल पर कोई भी सुरक्षा संकेत या रुकावट नहीं होने के कारण यह हादसा और भी भयावह बन गया।

दुर्घटनाओं की जांच के लिए समिति के कार्यक्षेत्र


गठित की गई समिति पिछले एक साल के सभी हादसों का विश्लेषण करेगी, ताकि यह समझा जा सके कि किस कारण से देहरादून में दुर्घटनाओं की संख्या में इजाफा हो रहा है। समिति से अपेक्षा की गई है कि वह दुर्घटनाओं के संभावित स्थानों की पहचान कर वहां सुधार के सुझाव देगी। इसमें सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने, मार्गों पर सुरक्षा उपकरणों की स्थापना, संकेत बोर्ड, सड़क पर रोशनी का उचित प्रबंध और अन्य संरचनात्मक सुधारों के सुझाव शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा समिति को दुर्घटनाओं के समय पर नियंत्रण और बचाव के उपायों पर भी फोकस करना होगा।

परिवहन विभाग और पुलिस की योजना


परिवहन विभाग ने हादसों पर नियंत्रण के लिए पुलिस के साथ मिलकर रात को विशेष चेकिंग अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। इस अभियान के तहत ओवरस्पीडिंग पर लगाम लगाई जाएगी और तेज रफ्तार गाड़ियों की जांच की जाएगी। इसके अलावा पुलिस और परिवहन विभाग की टीमें प्रमुख चौराहों और दुर्घटना संभावित स्थानों पर गश्त करेंगी, ताकि हादसों को टाला जा सके। प्रशासन ने उम्मीद जताई है कि इन कड़े कदमों से हादसों में कमी आएगी और लोग अपनी यात्रा को सुरक्षित महसूस करेंगे।

क्या है आगे की उम्मीद


देहरादून में दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्थानीय प्रशासन का यह कदम जरूरी और समयोचित माना जा रहा है। सड़क सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए प्रशासन की ओर से यह पहल एक सकारात्मक कदम है, लेकिन इसे धरातल पर उतारने और लागू करने की चुनौती अब भी बनी हुई है। लोगों का मानना है कि यदि प्रशासन इस दिशा में ठोस कदम उठाता है, तो इससे न केवल दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आएगी, बल्कि लोगों के बीच यातायात नियमों के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी।

Mansi Negi

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