नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा को पैगम्बर मोहम्मद पर की गयी टिप्पणी प्रकरण मे बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ देश भर में दर्ज सभी एफआईआर (FIR) दिल्ली ट्रांसफर करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय बेंच ने नूपुर की इस मांग को भी स्वीकार कर लिया है कि वह अपने खिलाफ एफआईआर को रद्द करवाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में जा सकती हैं। साथ ही उनकी गिरफ्तारी पर 10 अगस्त तक लगी रोक को आगें भी जारी रखने का आदेश दिया है।
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अब इस मामले में नूपुर के खिलाफ कोई नयी एफआईआर दर्ज नहीं होगी। साथ ही उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई भी नहीं की जा सकेगी। इस मामले की जांच दिल्ली पुलिस की विशेष यूनिट करेगी।
बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने अपने अधिवक्ता मनिंदर सिंह के माध्यम से जस्टिस सूर्यकांत और जमशेद पारडीवाला की बेंच में याचिका दायर कर एक ही मामले में आठ राज्यों में दर्ज सभी एफआईआर को दिल्ली ट्रांसफर कराने और इन सबको एक साथ जोड़कर सुनवाई करने का अनुरोध किया था। इससे पहले उन्होने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर निरस्त करने की मांग की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें इसके लिए हाईकोर्ट जाने की सलाह दी है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट में पश्चिमी बंगाल की अधिवक्ता मेनका गुरुस्वामी ने सुनवाई के दौरान नूपुर को किसी भी तरह की राहत देने की मांग का विरोध किया था।
इस पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि नूपुर शर्मा को देश के दूसरे राज्यों में जाने पर जान का खतरा है। कई संगठनों ने उन्हें जान से मारने का धमकी देने के साथ ही फतवे जारी कर रखें हैं। इसलिए हालात की नजाक़त को समझते हुए सभी मामले दिल्ली में ट्रांसफर करने का आदेश दिया जाता है। साथ ही 16 जुलाई को उनकी गिरफ्तारी पर 10 अगस्त तक लगायी गयी रोक आगे भी जारी रहेगी।