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SC on Delhi Aldermen: सुप्रीम कोर्ट का फैसला, एलजी को एमसीडी में ‘एल्डरमैन’ नियुक्ति का अधिकार, दिल्ली सरकार को झटका

Supreme Court's decision, LG has the right to appoint 'alderman' in MCD, shock to Delhi government

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार को बड़ा झटका देते हुए फैसला सुनाया है कि उपराज्यपाल (एलजी) को नगर निगम (एमसीडी) में ‘एल्डरमैन’ की नियुक्ति का अधिकार है। इस फैसले से एलजी को बड़ी राहत मिली है और दिल्ली सरकार की चुनौती को खारिज कर दिया गया है।

एलजी को है अधिकार, सरकार की सलाह की जरूरत नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि उपराज्यपाल को एमसीडी में ‘एल्डरमैन’ की नियुक्ति के लिए दिल्ली सरकार की सलाह की आवश्यकता नहीं है। कोर्ट ने 1993 के दिल्ली नगर निगम अधिनियम का हवाला देते हुए कहा कि इस अधिनियम के तहत एलजी को यह अधिकार वैधानिक तरीके से मिले हैं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह अधिकार विधाई हैं, न कि एक्जीक्यूटिव, इसलिए सलाह लेने की जरूरत नहीं पड़ती।

दिल्ली सरकार की चुनौती और सुप्रीम कोर्ट का फैसला

दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल के एक फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सरकार का तर्क था कि एलजी को बिना उनकी सलाह के एल्डरमैन नियुक्त करने का अधिकार नहीं है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस दावे को खारिज कर दिया और एलजी को एमसीडी में एल्डरमैन की नियुक्ति का अधिकार प्रदान किया।

मई को कोर्ट ने फैसला रखा था

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 17 मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस जे बी पारदीवाला की बेंच ने की थी। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एलजी को एमसीडी में पार्षदों को नामित करने का अधिकार देने का मतलब है कि वह निर्वाचित नगर निकाय को अस्थिर कर सकते हैं। एमसीडी में 250 निर्वाचित और 10 नामित सदस्य हैं।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और भविष्य की संभावनाएं

इस फैसले के बाद दिल्ली की राजनीति में हलचल मच गई है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस निर्णय की कड़ी आलोचना की है और इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ बताया है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है और इसे सही दिशा में कदम बताया है।

Written By। Mansi Negi । National Desk। Delhi

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