Swaminathan Aiyar on Exit Polls: तमाम एग्जिट पोल (Exit poll) में लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (pm narendra modi) के प्रचंड वापसी का अनुमान लगाया गया है। इस बीच जाने-माने अर्थशास्त्री स्वामीनाथन अय्यर (Economist Swaminathan Aiyar) ने कहा है कि सिर्फ 2024 में नहीं, 2029 में चौथी बार भी मोदी पीएम बनेंगे। उनके मुताबिक, विपक्ष में उन्हें चुनौती देने वाला कोई बड़ा नेता नहीं है। अय्यर ने मोदी को बीजेपी (BJP) के लिए ट्रंप कार्ड बताया है।
जाने-माने अर्थशास्त्री स्वामिनाथन अय्यर (Economist Swaminathan Iyer ) ने संभावना जताई है कि तीसरी बार चुनाव जीतने के बाद नरेंद्र मोदी 2029 में चौथी बार भी प्रधानमंत्री बनेंगे। बजट सत्र में इस कारण कई बड़े ऐलान हो सकते हैं। कॉन्स्टिट्यूशनल अमेंडमेंट ( Constitutional Amendments ) मुमकिन हैं। सरकार एनआरसी की दिशा में आगे बढ़ सकती है। प्रधानमंत्री रेवड़ियों के बहुत पक्ष में नहीं हैं। ऐसे में इन पर हथौड़ा चल सकता है। अगले बजट में टैक्स रेट में बदलाव की बहुत उम्मीद नहीं है।
लोकसभा चुनाव (Loksabha election) के अंतिम चरण का मतदान खत्म होने के बाद आए एग्जिट पोल में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को प्रचंड बहुमत मिलने का अनुमान लगाया गया है। इसके साथ इन सर्वे में सत्तारूढ़ गठबंधन NDA के तमिलनाडु और केरल (tamil nadu- kerala) में अपना खाता खोलने और कर्नाटक (Karnataka) में फिर से एकतरफा जीत हासिल करने का अनुमान लगाया गया है।
BJP के पास मोदी ट्रंप कार्ड
स्वामीनाथन अय्यर ने एक न्यूज चैनल पर एग्जिट पोल के अनुमानों पर बातचीत करते हुए कहा कि बीजेपी के पास पीएम मोदी (pm modi) ट्रंप कार्ड हैं। उनकी टक्कर में विपक्ष का कोई नेता नहीं ठहरता है। राहुल गांधी (rahul Gandhi) या प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) मोदी को चुनौती पेश नहीं कर सकते हैं। जिस तरह से वह चुनाव जीत रहे हैं। तीसरी बार नहीं, बल्कि चौथी बार भी मोदी ही प्रधानमंत्री बनेंगे। इस बात में कोई शक नहीं है कि विपक्ष में लीडरशिप की बहुत बड़ी समस्या है।
बजट सत्र के दौरान कई बड़े ऐलान
इसी के साथ स्वामिनाथन अय्यर ने आगामी बजट की भी हल्की सी तस्वीर पेश की। उन्होंने कहा कि बजट सत्र के दौरान कई बड़े ऐलान हो सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (pm narendra modi) ‘फ्रीबीज’ यानी रेवड़ियों के बहुत ज्यादा पक्ष में नहीं हैं। लिहाजा, इन्हें कम करने की दिशा में सरकार कदम बढ़ा सकती है। लोगों को टैक्स रेट (tax rate) में बदलाव की कोई बड़ी उम्मीद नहीं करनी चाहिए।