Tamil Nadu Politics: दक्षिण के चुनावी राज्य कर्नाटक में जहां बीजेपी फिर से वापसी की तैयारी में जुटी है और लगातार बीजेपी वहाँ रैली और यात्रा की शुरुआत करती दिख रही है वही तमिलनाडु में बीजेपी को लगातार झटका लगता जा रहा है। बड़ी बात तो यह है कि बीजेपी को यह झटका किसी और से नहीं बल्कि सहयोगी पार्टी अन्नाद्रमुक से ही मिल रही है। बीजेपी के 13 नेता अभी तक अन्नाद्रमुक में चले गए हैं और कहा जा रहा है कि बीजेपी की जो हालत है उसे देखते हुए कई और नेता भी अन्नाद्रमुक जा सकते हैं। उधर बीजेपी ने अन्नाद्रमुक पर सहयोगी धर्म न निभाने का आरोप लगाया है। कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी और अन्नाद्रमुक के बीच और भी दुरी बढ़ सकती है और संभवतः दोनों दलों का गठबंधन भी टूट सकता है।
बीजेपी से लगातार नेता निकलते जा रहे हैं।
अब तक बीजेपी आईटी सेल से 13 नेता निकल कर अन्नाद्रमुक में जा चुके हैं। यह सिलसिला लगातार जारी है। सबसे बड़ी बात तो यही है कि कल आईटी सेल के अध्यक्ष अंबरासन ने भी इस्तीफा दे दिया। इससे पहले पांच नेता इसी सेल से निकल कर अन्नाद्रमुक में जा चुके थे। अंबरासन ने इस्तीफा देते हुए बीजेपी पर कई आरोप भी लगाए हैं। उन्होंने कहा कि वे सालो तक बीजेपी में काम किया। उन्होंने कभी किसी पद की मांग नहीं की। लेकिन पिछले कुछ समय से पार्टी की स्थिति ठीक नहीं है। असामान्य स्थिति को देखते हुए हमने इस्तीफा दिया है। अब आगे की राजनीति अन्नाद्रमुक के साथ की जाएगी।
उधर बीजेपी अब लगातार अन्नाद्रमुक पर हमला कर रही है और अन्नाद्रमुक प्रमुख पलानी स्वामी के खिलाफ नारे भी लगा रहे हैं। पलानी स्वामी पर कई तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं और कहा जा रहा है कि पलानिस्वामी ने गठबंधन धर्म को तोड़ा है। हालांकि पलानिस्वामी ने बीजेपी के आरोपों को बेकार कहा है और आरोपों को इंकार भी किया है।
लेकिन सबसे बड़ी बात तो यह है कि बीजेपी से निकल रहे नेता ही सबसे ज्यादा बीजेपी पर हमला कर रहे हैं। बीजेपी से निकले वरिष्ठ नेता निर्मल कुमार ने कहा था कि बीजेपी के राज्य अध्यक्ष अन्नामलाई कई नेताओं की जासूसी करवाते हैं और प्रताड़ित भी करते हैं। निर्मल कुमार ने तो यहाँ तक कहा कि अन्नामलाई खुद भी द्रमुक के साथ मिले हुए हैं और द्रमुक के एक मंत्री के साथ उनके गहरे सम्बन्ध भी है। उन्होंने समझौता किया हुआ है।
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बीजेपी अध्यक्ष अन्नामलाई ने अब अन्नाद्रमुक प्रमुख पलानिस्वामी पर हमला करना शुरू किया है। उन्होंने कहा कि अन्नाद्रमुक को लगता है कि वह बड़ी पार्टी है और राज्य में उसी की राजनीति चलेगी। यही वजह है कि वे बीजेपी को आसानी से शिकार बना रहे हैं। लेकिन अन्नद्रमुक को यह सोंचना चाहिए कि बीजेपी की जड़े भी राज्य की राजनीति में जम रही है और आने वाले समय में बीजेपी क्या कुछ करेगी यह सब दिखने लगेगा।
अन्नाद्रमुक ने भी अब बीजेपी पर हमला करना शुरू कर दिया है। अन्नाद्रमुक के आईटी सेल के सचिव रामचंद्रन ने कहा है कि पिछले चुनाव में बीजेपी को नोटा से भी कम वोट मिले थे। पिछले चुनाव बीजेपी के जो विधायक चुनाव जीते थे उसकी वजह बीजेपी की राजनीति नहीं थी। वह जीत अन्नाद्रमुक की वजह से हुई थी क्योंकि अन्नाद्रमुक ने सहयोग किया था। रामचंद्रन ने कहा कि अन्नद्रमुक को बीजेपी की जरूरत नहीं है। बीजेपी को हमारे जरूरत हो सकती है और यह सब उसे ही सोंचना है।