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Tehri Lake: टिहरी झील का जलस्तर बढ़ने से विकासखंड रोड का हिस्सा बहा, घरों में बढ़ीं दरारें—लोगों में भय और रोष

Tehri Lake: Due to the rising water level of Tehri lake, a part of Vikaskhand road was washed away, cracks increased in houses—fear and anger among people

Tehri Lake: टिहरी झील का जलस्तर बढ़ने से चिन्यालीसौड़ क्षेत्र में तबाही का खतरा मंडरा रहा है। विकासखंड रोड का लगभग दस मीटर हिस्सा झील में समा चुका है, और इसके साथ ही आसपास के मकानों में नई दरारें उभरने लगी हैं, जिससे स्थानीय लोगों में भय और चिंता का माहौल है। टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (टीएचडीसी) द्वारा अब तक प्रभावी सुरक्षात्मक उपाय न किए जाने से लोग नाराज़ हैं और इसे लेकर रोष व्याप्त है।

विकासखंड रोड का हिस्सा बहा, नई दरारें बढ़ीं

टिहरी बांध की झील का जलस्तर हाल के दिनों में काफी बढ़ गया है, जिससे चिन्यालीसौड़ के तटीय क्षेत्रों में कटाव तेज हो गया है। इस बढ़ते जलस्तर के कारण विकासखंड रोड का लगभग दस मीटर हिस्सा झील में बह गया। इसके साथ ही इलाके के आवासीय भवनों में नई दरारें उभरने लगी हैं, जिससे स्थानीय निवासियों में घबराहट और असुरक्षा की भावना बढ़ गई है।

स्थानीय निवासी उपेंद्र बिष्ट और दीपक बिष्ट ने बताया कि यह पहली बार नहीं है जब इस क्षेत्र में झील के बढ़ते जलस्तर से तबाही हुई है। एक दशक पहले, खंड विकास अधिकारी का निवास भी झील की चपेट में आ गया था, लेकिन उसका मुआवजा अब तक विकासखंड को नहीं मिला है। यह मुद्दा सिर्फ इसी क्षेत्र का नहीं है, बल्कि पूरे टिहरी बांध क्षेत्र में जलस्तर के बढ़ने से तटीय इलाकों में मकानों और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंच रहा है।

जोगत रोड की पुरानी समस्या

साल 2007-08 में जब टिहरी झील पहली बार 830 मीटर तक भर गई थी, तब जोगत रोड और देवीसौड़ क्षेत्र के 60 से अधिक भवन, दुकानें और सहकारी समिति का भवन झील में समा गए थे। इन भवनों और ज़मीनों का मुआवजा अब तक प्रभावितों को नहीं मिला है, जिससे स्थानीय निवासियों और भवन स्वामियों में पुनर्वास विभाग और टीएचडीसी के खिलाफ भारी असंतोष और नाराज़गी है।

जोगत रोड के निवासी और स्थानीय नेता, जैसे पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष शूरवीर रांगड़ और व्यापार मंडल अध्यक्ष कृष्णा नौटियाल ने टीएचडीसी से जोगत रोड पर आर्च ब्रिज तक सड़क निर्माण कार्य शुरू करने और सुरक्षात्मक उपाय करने की मांग की है। उनका कहना है कि अगर तत्काल सुरक्षात्मक कदम नहीं उठाए गए, तो भविष्य में स्थिति और भी भयावह हो सकती है।

पुनर्वास विभाग का आश्वासन

पुनर्वास विभाग के एई एपी चमोली ने बताया कि जोगत रोड पर सड़क के भूस्खलन और जलस्तर बढ़ने के कारण टीएचडीसी से सुरक्षात्मक उपाय करने के लिए पत्राचार किया जाएगा। हालांकि, अब तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे प्रभावित लोग चिंतित और असंतुष्ट हैं।

स्थानीय लोगों की मांग और आशंकाएं

स्थानीय निवासी और नेता लगातार मांग कर रहे हैं कि टीएचडीसी और पुनर्वास विभाग तटवर्ती इलाकों में तेजी से सुरक्षात्मक उपाय करें। उनका कहना है कि यदि समय पर कदम नहीं उठाए गए, तो न केवल और अधिक बुनियादी ढांचे को नुकसान होगा, बल्कि लोगों की जान भी खतरे में पड़ सकती है।

Written By। Mansi Negi । National Desk। Delhi

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