हिमाचल में कुदरत का भयावह मंजर, 10 साल पहले जैसै हालात, जानिए क्या हुआ था और अब क्या हो सकता है..
Flood Situation in Himachal Pradesh: मानसून ने अपनी दस्तक तो पूरे देश में दी है जिसका असर साफ तौर पर देखा जा रहा है। लेकिन बारिश की वजह से देश के अलग अलग राज्यों के हालात बिगड़े नजर आ रहे हैं अगर हम हिमाचल प्रदेश की बात करें तो यहां पर मानसून नहीं जैसे कोई काल बनकर आया है। हालात ऐसे हैं कि बयां कर पाना भी मुश्किल है चारों तरफ सिर्फ तबाही का मंजर जारी है। आसमान से बारिश नहीं आफत बरस रही है। हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बाढ़ के साथ भूस्खलन भी हो रहा। निचले इलाकों में तो बस्तियां ही बारिश के तेज बहाव में बह गई। नदी, नाले, रोड ये सब वहां तालाब में तब्दील हो गई हैं। मानूसन की भारी तबाही से पूरा हिमाचल रो रहा है मानों चीख चीख कर कुदरत से रहमत मांग रहा है। लेकिन इस बीच सवाल उठता है कि आखिर हिमाचल प्रदेश में आई आफतों के पीछे की वजह क्या है? हिमाचल के हालात इतने बेकाबू कैसे हो जाते हैं?
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10 साल पहले वाले हालात हुए पैदा
आज से ठीक 10 साल पहले की केदारनाथ में जो स्थिति बनी थीं वही स्थिति एक बार फिर बनती नज़र आ रही है। 10 साल पहले त्रासदी आई थी। त्रासदी से सब कुछ तहस नहस करके रख दिया था। इस बार फिर मौसम की स्थिति ठीक वैसे ही बन गई है। आसमान में खौफनाक आफतों का संगम हो चला है हिमाचल प्रदेश, पजांब, मुंबई, दिल्ली, उत्तराखंड यूपी जैसे राज्यों में हो रही घटनाओं की तबाही वाली तस्वीरें निकलकर सामने आ रही है।
मौसम विभाग के मुताबिक हिमाचल में तबाही की खौफनाक मंजर की वजह भी बताई गई है। IMD के मुताबिक पहाड़ी इलाकों में मानसूनी हवाओं के तेज रूख के पश्चिमी विक्षोभ के मिलन से ऐसी तबाही आई है कि लगातार दो दिनों से हो रही भारी बारिश की वजह से बाढ़ की स्थिति आ गई है। ऐसी स्थिति में भयावह बारिश होती है। जिसकी वजह से जानलेवा और नुकसानदेह फ्लैश फल्ड आ रहे हैं। इस दौरान हिमालय में साधारण प्रक्रियाएं भी तेज गति से होने लगती।