Nagpur Violence Update: नागपुर दंगों का आतंकी कनेक्शन! फहीम मास्टरमाइंड नहीं मोहरा है, हिंसा के लिए फंडिंग पर नजर
नागपुर दंगों में आतंकी कनेक्शन का इनपुट है। कश्मीर की तरह इस दंगे की भी प्लानिंग सोशल मीडिया के जरिए की गई थी। इसमें भीड़ ने अपने चेहरे रूमाल से ढके हुए थे। पुलिस ने 66 वीडियो की पहचान की है, जो भीड़ को उकसाने के सबूत देते हैं। माना जा रहा है कि फहीम सिर्फ एक मोहरा है और उसके पीछे कोई संगठन है।
Nagpur Violence Update: महाराष्ट्र के सबसे शांत माने जाने वाले शहर नागपुर में आतंकी कनेक्शन का एंगल मिला है। दरअसल, यह पूरा दंगा कश्मीर की तर्ज पर हुआ है। कश्मीर की तरह ही इस दंगे में भी अचानक भीड़ जमा हो गई थी। इस भीड़ में शामिल सभी दंगाइयों ने अपने चेहरे रुमाल से ढके हुए थे। पत्थरबाजी का पैटर्न भी कश्मीर जैसा ही था। इसके अलावा पुलिस ने इस दंगे से जुड़े 66 ऐसे वीडियो ट्रेस किए हैं, जिनसे पता चलता है कि भीड़ को किस तरह से उकसाया गया था।
इस इनपुट के बाद महाराष्ट्र एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड ने दंगों की जांच शुरू कर दी है। इस टीम में शामिल अफसरों का मानना है कि दंगों का मास्टरमाइंड फहीम तो बस एक मोहरा है। इस दंगे को कोई और कंट्रोल कर रहा था। शक है कि दंगों की साजिश किसी आतंकी संगठन ने रची थी और स्लीपर सेल के जरिए इसे अंजाम दिया गया। भीड़ जुटाने के लिए सोशल मीडिया का बखूबी इस्तेमाल किया गया।
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दंगा कश्मीर की तर्ज पर हुआ
अधिकारियों के मुताबिक, दंगाइयों ने कश्मीर पैटर्न को अपनाते हुए पुलिस को निशाना बनाया। इस मामले में अब तक पुलिस ने फहीम और उसके साथियों के 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों से कभी आमने-सामने तो कभी अलग-अलग पूछताछ की जा रही है। चूंकि फहीम के आह्वान पर इतनी बड़ी भीड़ नहीं जुट सकती, इसलिए इस बात की जांच की जा रही है कि फहीम के पीछे कोई संगठन तो नहीं है।
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इन पॉइंट्स पर हो रही जांच
मामले की जांच में जुटी विभिन्न एजेंसियों के मुताबिक दंगे की जांच में सबसे पहला बिंदु फंडिंग का है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इसे कहां से और किसने फंडिंग की। इसके अलावा भीड़ जुटाने के लिए कब और कैसे इंतजाम किए गए। यह भी पता लगाया जा रहा है कि भीड़ को पैसे किसने बांटे। इसके अलावा टूलकिट और अफवाह फैलाने की रणनीति की भी जांच की जा रही है। पुलिस के मुताबिक शक है कि 17 मार्च को हुए इस दंगे की योजना कुछ दिन पहले किसी मदरसे में बैठकर बनाई गई थी। माना जा रहा है कि इस दंगे की साजिश में एक धर्मगुरु भी शामिल था।
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पुलिस खंगाल रही सीसीटीवी और वीडियो
जांच एजेंसियों के मुताबिक, यह देखा जा रहा है कि दंगों के बाद आरोपियों को भागने और छिपने में किसने मदद की। पुलिस ने इस मामले में अब तक 50 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा अन्य आरोपियों की पहचान के लिए सीसीटीवी कैमरे और सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो भी खंगाले जा रहे हैं। पुलिस कमिश्नर रविंदर सिंघल ने बताया कि हिंसा के दौरान दंगाइयों ने पथराव किया, आगजनी की और पुलिस पर हमला किया। इस बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी हिंसा को साजिश करार दिया है।
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