The horrifying truth of the cannibal mother in Palamu: पलामू जिले की एक घटना ने इंसानियत और मां-बच्चे के रिश्ते को शर्मसार कर दिया है। 25 वर्षीय गीता देवी द्वारा अपनी डेढ़ साल की बेटी की निर्मम हत्या ने पूरे इलाके को झकझोर दिया है। यह घटना न केवल समाज में व्याप्त अंधविश्वास का प्रतीक है, बल्कि हमारे सामाजिक ताने-बाने की जटिलता को भी उजागर करती है।
घटना का विवरण: एक खुशहाल परिवार में आया भूचाल
अरुण राम और उनकी पत्नी गीता देवी का परिवार पहले खुशहाल था। उनके चार बच्चे थे, जिनमें तीन बेटियां और एक बेटा शामिल थे। 12 नवंबर को गीता देवी अपनी सास के साथ खेत में जाने से मना कर घर से बाहर गई। देर रात तक वह और उनकी डेढ़ साल की बेटी घर नहीं लौटीं, जिससे परिवार और गांव में चिंता फैल गई।
रात 2 बजे गीता की रहस्यमय वापसी
13 नवंबर की रात गीता देवी गांव के मनोज राम के घर पहुंची। वह अजीब हालत में थी, और बच्ची के बारे में पूछने पर उसने बताया कि बच्ची जपला में है। जब गांववालों ने दबाव बनाया, तो गीता ने कबूल किया कि उसने अपनी बेटी की हत्या कर दी है।
जंगल में मिला बच्ची का शव: तंत्र विद्या का शक
पुलिस की जांच के बाद बच्ची का शव तीन किलोमीटर दूर जंगल में मिला। शव क्षत-विक्षत था, और उसके सीने पर चाकू के गहरे घाव के निशान थे। घटनास्थल से जले हुए कपड़े, चूड़ी, और सिंदूर भी बरामद हुए। गीता देवी ने बताया कि वह तंत्र विद्या की सिद्धि के लिए यह बलि दे रही थी। उसने दावा किया कि अगर उसे पकड़ा नहीं जाता, तो वह अपनी बेटी को पुनः जीवित कर लेती।
परिवार और ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
गीता के पति अरुण राम ने कहा कि उनकी पत्नी मानसिक रूप से स्वस्थ थी। उन्होंने बताया कि शादी के शुरुआती सालों में बच्चा न होने पर उन्होंने तांत्रिक से संपर्क किया था। इसके बाद उनके परिवार में बच्चे हुए। घटना के बाद अरुण राम खुद भी स्तब्ध हैं।
तांत्रिक की भूमिका पर सवाल
सामाजिक कार्यकर्ता मनदीप राम और गांववालों ने बताया कि बिहार के रोहतास जिले का एक तांत्रिक अक्सर गीता देवी के घर आता था। उन्हें शक है कि वह तांत्रिक इस घटना में शामिल हो सकता है। एक गवाह ने यह भी बताया कि घटना की रात उसने बच्चे की चीखें सुनीं, लेकिन डर के कारण वह मौके पर नहीं गया।
पुलिस जांच और कानूनी कार्रवाई
हुसैनाबाद थाने में गीता देवी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। थाना प्रभारी संजय कुमार यादव ने कहा कि यह मामला गंभीर है, और इसमें शामिल सभी आरोपियों को चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी।
अंधविश्वास से लड़ने की चुनौती
हुसैनाबाद महिला एवं बाल संरक्षण थाना प्रभारी पार्वती कुमारी ने कहा कि अंधविश्वास के खिलाफ लगातार जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दलित बस्तियों में विशेष अभियान चलाने की योजना बनाई जा रही है ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।