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खूनी संघर्ष पर अमेरिका और हिंदुस्तान में विपक्ष ने मचाई ‘हाय-तौबा’!

Israel Hamas War Politics: हमास और इजरायल में खूनी संघर्ष जारी है। दोनों ओर से हजारों की संख्या में लोगों की हत्याएं हो रही हैं। अमेरिका और हिंदुस्तान ने इजरायल का समर्थन करने का ऐलान कर रखा है। लेकिन दोनों ही देशों में विपक्षी नेता अपनी सियासी रोटियां सेंकने में लगे हुए हैं। भारत में तो विपक्ष के नेता फिलिस्तीन का समर्थन तो कर ही रहे हैं। लेकिन अब अमेरिका में भी विपक्षी नेता अपनी सियासी रोटियां सेंकने में लग गए हैं। दरअसल अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अगर वो अमेरिका के राष्ट्रपति होते तो इजरायल पर हमला नहीं होता, उन्होंने दावा किया कि उनके राष्ट्रपति रहते रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध भी नहीं होता। उन्होंने आगे कहा कि अगर मैं राष्ट्रपति होता तो इजरायल पर हमला नहीं होता, इस पर कातिलाना हमला किया गया। उस पर हमला नहीं होता. यूक्रेन पर हमला नहीं होता, आप देखिए कि दुनिया भर में क्या चल रहा है। अभी दुनिया अव्यवस्थित है, और यह बहुत ही दुखद दिन है। दरअसल आपको बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप धोखाधड़ी के मामले में सुनवाई के लिए कोर्ट पहुंचे थे। उन्होंने लंच ब्रेक में मीडिया से बात करते हुए  इजरायल के दौरे पर जाने के संकेत भी दिए।

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वहीं दूसरी ओर इजरायल-हमास के बीच जारी युद्ध को लेकर भारत में केंद्र और विपक्ष के बीच जुबानी जंग जारी है। वैसे तो भारत सरकार ने खुलेआम इजरायल का समर्थन देने का ऐलान कर दिया है, लेकिन वहीं दूसरी ओर फिलिस्तीन के समर्थन को लेकर NCP प्रमुख शरद पवार के बयान पर अब घमासान मचा हुआ है। भारतीय जनता पार्टी के नेता शरद पवार पर जमकर पलटवार भी कर रहे हैं। इसी कड़ी में असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने शरद पवार पर जमकर वार किया। दरअसल आपको बता दें कि शरद पवार ने अपने एक बयान में कहा था कि पहली बार ऐसा हुआ जब देश के प्रधानमंत्री इजरायल के साथ खड़े दिख रहे हैं। शरद पवार ने कहा था कि पहली बार ऐसा हुआ जब देश के प्रधानमंत्री ने इजरायल की भूमिका ली और जो जमीन के मूल मालिक हैं, उन पर ध्यान नहीं दिया गया।लेकिन एक बात अच्छी हुई मुझे इस बात पर आश्चर्य है। विदेश मंत्रालय ने इस बात को साफ किया कि अपने देश की भूमिका फिलिस्तीन को समर्थन देने की है.. और यही भूमिका अटल बिहारी वाजपेई की भी थी।

NCP प्रमुख शरद पवार के बयान पर जमकर घमासान मच गया। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने ताबड़तोड़ हमले कर डाले। शरद पवार के बयान पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि बयान गैरजिम्मेदाराना है। वहीं पीयूष गोयल ने लिखा कि NCP को अपनी भूमिका साफ करनी चाहिए कि वो किसके साथ हैं।इजरायल-हमास युद्ध को लेकर दुनिया दो खेमों में बंटी हुई है। वहीं भारत में भी नेताओं के भी अलग अलग बयान सामने आ रहे हैं।.PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने इजरायली हमले की निंदा की।उन्होंने कहा कि गाजा पर हो रहे हमले पर बड़े देश मूकदर्शक ना बनें।यही नहीं कांग्रेस समेत कई अन्य विपक्षी पार्टियांने भी फिलिस्तीन के प्रति अपना समर्थन जता चुकी है। वहीं AIMIM भी गाजा पट्टी और फिलिस्तीन के लोगों के समर्थन में प्रदर्शन करने की तैयारी कर रही है। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीटकर लिखा कि इसमें सभी राजनीतिक दलों और संगठन प्रमुखों को आमंत्रित किया जाएगा।आपको बता दें कि हमास के आतंक के खिलाफ पीएम मोदी ने इजरायल के साथ खड़े रहने का वादा किया था।वहीं विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि वो एक स्वतंत्र फिलिस्तीन का समर्थन जारी रखेंगे। अब ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि जो विपक्ष फिलिस्तीन का समर्थन कर रहा है क्या उससे किसी को फायदा हो पाएगा।

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