Ayodhya में आज से शुरू होगा प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान, जानिए रामलला के प्राण प्रतिष्ठा तक का पूरा कार्यक्रम
Ram Mandir Ayodhya: यूपी के अयोध्या में नये राम मंदिर में भगवान श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान आज मंगलवार से शुरू होने जा रहे हैं. ये अनुष्ठान लगातार छह दिनों तक चलेगी. आज प्रायश्चित्त एवं कर्मकूटि पूजन अनुष्ठान किया जाएगा. अयोध्या में सरयू तट पर विष्णु पूजा एवं गौ दान होगा. बुधवार 17 जनवरी को रामलला अपने मंदिर में प्रवेश करेंगे. अगले दिन 18 जनवरी यानी गुरुवार को भगवान स्वयं गर्भगृह में प्रवेश करेंगे. 22 जनवरी को प्रभु की होगी प्राण प्रतिष्ठा. अनुष्ठान समारोह की सभी प्रक्रियाओं का समन्वय और समर्थन एवं मार्गदर्शन करने वाले 121 आचार्य होंगे. श्रीगणेशवर शास्त्री द्रविड़ सभी प्रक्रियाओं की निगरानी और समन्वय व दिशा-निर्देशन करेंगे. काशी के मुख्य आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित होंगे
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रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 20 मिंट पर होगी
मिली जानकारी के अनुसार श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चपंत राय ने जानकारी देते हुए बताया कि 22 जनवरी को श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य रामलला के मंदिर में विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम में मध्यान्ह अभिजीत मुहूर्त में किया जाएगा. चपंत राय ने जानकारी देते हुए बताया कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 20 मिंनट शुभ मुहूर्त में होगी. चपंत राय ने यहां भी बताया कि श्रीराम मंदिर कार्यशाला रामघाट पर मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि आगामी पौष शुक्ल कूर्म द्वादशी विक्रम संवत 2080 तदनुसार 22 जनवरी को भगवान श्रीरामलला के श्री विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा का पवित्र योग आ गया है. सभी शास्त्रीय विधि का पालन करते हुए रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम मध्य अभिजीत मुहूर्त में की जाएगी.
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अनुष्ठान में 121 आचार्य होंगे शामिल
जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चपंत राय ने बताया कि न्यूनतम 3 अधिवास चलन में हैं. अनुष्ठान में 121 आचार्य शामिल होंगे. अनुष्ठान के संयोजक श्रद्धेय गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ एवं काशी के प्रमुख आचार्य श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित शामिल होंगे. रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, सहित अन्य विशिष्टजनों की गरिमामयी उपस्थिति में सम्पन्न होगा. चंपत राय ने जानकारी देते हुए बताया कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर प्रांगण प्राण-प्रतिष्ठा के साक्षी बनने के लिए देश की सभी आध्यात्मिक धार्मिक मत, संप्रदाय, पंथ, सभी पंरपराओं के आचार्य, उपासना पद्धतियों के सभी अखाड़ों के आचार्य, सभी सम्प्रदायों के आचार्य, महामंडलेश्वर, 150 से अधिक परम्पराओं के सन्त, मंडलेश्वर, महंत, श्री महंत, नागा साथ ही लगभग 50 से ज्यादा आदिवासी, गिरिवासी तटवासी, द्वीपवासी जनजाती परंपराओं की उपस्थिति में भारत वर्ष के निकटवर्ती इतिहास में ये पहली बार हो रहा है. अपने आप में यह विशिष्ट होगा.
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जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चपंत राय ने बताया कि सम्मिलित होने वाली परंपराओं में शैव, शाक्त, वैष्णव, पत्य, गणपत्य, बौद्ध, सिख, दशनाम शंक रामानंद्र, जैन, निम्बार्क, रामानुज, मद्धव, रामसनेही, विष्णु नामी, गरीबदासी, घीसा पंथ, कबीरपंथी, गौड़ीया, असम से शंकरदेव, वाल्मीकि, इस्कॉन, माधव देव, चिन्मय मिशन, रामकृष्ण मिशन, भारत सेवाश्रम- गायत्री परिवार, ठाकुर परंपरा, अनुकूलचंद, उड़ीसा का महिमा समाज, निरंकारी, अनुकूलचंद, नाम राधास्वामी और स्वामीनारायण, वीर शैव वारकरी आदि है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर गर्भ गृह में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पूर्ण होने के बाद सभी साक्षीगण क्रमश: दर्शन करेंगे. अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का उत्साह सर्वत्र अनुभव हो रहा है अयोध्या समेत सम्पूर्ण भान में भव्यता के साथ उत्सव से मानने का संकल्प ले लिया है. इस विशेष अवसर पर भिन्न-भिन्न प्रदेशों के स्वर्ण, जल, रत्न, रजत, आभूषण विशाल घंटा, वस्त्र, नगाड़ा इसके साथ ही कई प्रकार की सुगंधि लेकर लोग आते ही जा रहें है. इसमें सर्वाधिक उल्लेखनीय है माता जानकी के मायके जनकपुर से पुत्री के घर निर्माण के समय भेजा जाने वाले उपहार से लेकर बड़ी मात्रा में लोग उपस्थित हुए हैं.
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भगवान श्री राम के ननिहाल रायपुर क्षेत्र से कई प्रकार के आभूषण समर्पित किए गए है. प्रभु श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र भारत के सभी बन्धु भगनियों से आह्वान करता है कि 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान की प्राण-प्रतिष्ठा हो रही हो उस समय अपने आसपास के मंदिरों में देवता की उपासना के अनुरूप पूजन, भजन, कीर्ति एवं आरती आदि करें. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को संचार माध्यम से स्क्रीन लगाकर सामूहिक रूप से देखें. 22 जनवरी की सायंकाल अपने घर पर दीपक जलाकर राम ज्योति से प्रकाशमान करें. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि 22 जनवरी की शाम 5 दीपक श्रीरामलला के नाम जय जय श्री राम. श्रीराम जन्मभूमि प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के पुनीत व ऐतिहासिक अवसर पर प्रात: 10 बजे से प्राण-प्रतिष्ठा मुहूर्त के ठीक पहले तक करीब 2 घण्टे के लिए श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में शुभ की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए मंगल ध्वनि का आयोजन किया गया है. भारतीय संस्कृति की परम्परा में किसी भी शुभ कार्य और अनुष्ठान, पर्व के अवसर पर देवता के सम्मुख आनन्द एवं मंगल के लिए पारम्परिक ढंग से मंगल-ध्वनि का विधान रचा गया है