देवरिया: जनपद के बाबू मोहन सिंह जिला अस्पताल में व्यवस्थाओं का बुरा हाल है। यहां शव ले जाने को नहीं स्ट्रैचर उपलब्ध नहीं कराया जाता तो मृतकों के परिजन शवों को अपने कंधे रख ले जाने को मजबूर होते हैं या फिर उन्हें शव जमीन को पर रख घंटो शव वाहन आने का इंतजार करते रहते हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार लाख कोशिश के बावजूद स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी व्यवस्था को बदलाव लाने को तैयार नहीं हैं। विभाग में व्यवस्था को बनाने वाले ही जब नियम को दरकिनार करें तो स्थिति खराब होगी ही।
देवरिया जनपद के बाबू मोहन सिंह जिला अस्पताल में एक शर्मसार कर देने वाली तस्वीर सामने आयी। यहां एक मृतक के परिजन शव को स्ट्रैचर ले जाने के लिए घंटों भटकता रहा। परिजन कर्मचारियों से स्ट्रैचर उपलब्ध कराने के लिए बार-बार गुहार लगाते रहे, लेकिन उन्हे स्ट्रेचर उपलब्ध नहीं कराया जा सका। लेकिन उन्हें स्ट्रैचर नहीं मिल सका और उन्हें शव को अपने कंधे पर रखकर वार्ड से बाहर तक लाना पड़ा।
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परिजनों का कहना है कि वे लोग शव को कंधे पर रखकर वार्ड से बाहर तक लाए हैं। वे घंटों तक स्ट्रैचर मांगते रहे हैं लेकिन कर्मचारी कोई न कोई बहाना बनाकर टालते रहे और स्ट्रैचर नहीं मिलने की वजह से कंधे पर ही शव रख बाहर लाये और जमीन पर रख घंटो रखकर शव वाहन का इंतजार करते रहे। मृतक का इलाज दो दिन पहले से जिला अस्पताल में इलाज चल रहा था। अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा मृतक के परिजनों को मृत्यु प्रमाण पत्र भी नहीं दिया गया।
परिजनों का आरोप है कि जब उन्होंने मृत्यु प्रमाण पत्र मांगा तो स्वास्थ्य कर्मचारियों ने उन्हें जबरन धक्का देकर अस्पताल के गेट से बाहर निकाल दिया गया। इस संबंध में जब संबंधित चिकित्सकों से उनका पक्ष जानने के लिए फोन किया गया तो कई बार फोन करने के बावजूद उन्होने फोन रिसीव ही नहीं किया, जिससे उनकी पक्ष नहीं जाना जा सका।