Maharashtra News: चर्चित IAS पूजा खेडकर अब नए विवादों में घिरती नजर आ रही हैं. सिविल सेवा परीक्षा में उनके नॉन क्रीमी लेयर कैंडिडेट पर सवाल खड़े हो रहे हैं. आईऐ जानते है क्या हैं पूरा मामला
महाराष्ट्र (Maharashtra) की ट्रेनी IAS ऑफिसर पूजा खेडकर (Pooja Khedkar) चर्चा का विषय बनी हुई हैं। यूपीएसई परीक्षा में 821वां स्थान पाने वाली ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर पर अपने पद का दुरुपयोग करने के आरोप में पुणे से महाराष्ट्र के वाशिम जिले में ट्रांसफर कर दिया गया ।
पुणे में असिस्टेंट कलेक्टर (Assistant Collector) खेडकर पर आरोप लगा है कि उन्होंने ट्रेनी अधिकारियों को मिलने वाली सुविधाओं का लाभ नहीं उठाया। अपनी निजी ऑडी पर उसने महाराष्ट्र सरकार का बोर्ड और लाल-नीली बत्ती लगा रखी थी। इसके इतना ही नहीं एडिशनल कलेक्टर अजय मोरे के एंटे-चैंबर पर कब्जा कर लिया। बिना इजाजत के उसने ऑफिस का फर्नीचर बाहर निकाल लिया।
पूजा खेडकर का वाशिम में ट्रांसफर
पुणे के कलेक्टर सुहास दिवासे द्वारा महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को पत्र सौंपे जाने के बाद ही खेडकर को वाशिम जिले में स्थानांतरित किया गया। 2023 बैच की IAS अधिकारी अपने प्रोबेशन के बचे हुए समय में वाशिम जिले में सपर न्यूमरी असिस्टेंट कलेक्टर (Supernumerary Assistant Collector ) के रूप में काम करेंगी। उन पर यह भी आरोप लगाया गया है कि खेडकर के पिता ने अपनी बेटी की मांगों को पूरा करने के लिए जिला कलेक्टर ऑफिस (District Collector Office ) पर दबाव बनाया था। जिसके बाद विवाद तूल पकड़ता गया। बता दें कि खेडकर के पिता रिटायर IAS अधिकारी हैं और वह अहदमनगर लोकसभा सीट (Loksabha seat) से चुनाव भी लड़ चुके हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता ने किया दावा
पुणे स्थित RTI कार्यकर्ता विजय कुंभार ने भी खेडकर के नामांकन पर संदेह व्यक्त करते हुए दावा किया कि चूंकि उनके पिता के पास 40 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति है, इसलिए वह OBC नॉन-क्रीमी लेयर में नहीं आतीं। उनके अनुसार, जब नियमों की जांच की जाती है तो केवल वे व्यक्ति ही ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर की कैटेगरी में आते हैं। जिनके माता-पिता सालाना 8 लाख रुपए कमाते हैं। खेडकर के पिता 40 करोड़ रुपए कमाते हैं। घोषणापत्र में उनके माता-पिता की सभी संपत्तियों का ब्यौरा दिया गया है
आरटीआई कार्यकर्ता के मुताबिक, उनके पिता दिलीप खेडकर ने अपने लोकसभा चुनाव ( loksabha election) के कागजात में घोषित किया था कि उनके पास 40 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति है। इसके अलावा, उनकी सालाना सैलरी 49 लाख रुपये दिखाई गई है। उन्होंने दावा किया कि इससे यह सवाल उठता है कि पूजा खेडकर को ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर सदस्य के रूप में कैसे वर्गीकृत किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आईएएस अधिकारी के रूप में उनकी नियुक्ति से जुड़ी परिस्थितियों की गहनता से जांच की जानी चाहिए।