History of Indian Economy : आज भारत अपना 77वां आजादी दिवस मना रहा है। संपूर्ण देश स्वतंत्रता दिवस के जश्न में डूबा हुआ है। देश तिरंगे के रंग में सरोबार है। हर तरफ भारत माता की गूंज है। देश भक्ति की भावना में लोगों का रोम-रोम रोमाचिंत होने को है। आजादी के बाद देश ने अपने संघर्ष से बुहत कुछ निर्माण किया। हर क्षेत्र में संभव से संभव प्रयास किए हैं चाहे वो कोई भी क्षेत्र हो हर क्षेत्र में देश ने विकास की रफ़्तार भरी है तो वहीं दूसरी तरफ देश के आर्थिक पहिए की बात करें तो अब तक भारत ने इस पर भी लंबा सफर तय किया है। आर्थिक पहिया वो है जिसमें देश का हर एक तबका इसी से जुड़ा हुआ है अब चाहे कोई भी हो, आर्थिक ढांचा यदि दुरूस्त है तो देश के विकास को कोई नहीं रोक सकता है। आज देश अपने संघर्ष से ही दुनिया की 5वीं बड़ी आर्थिक शक्ति बनकर उभरा है। इसी कड़ी में आज हम आपको इतिहास की ओर ले कर चलेंगे कि आखिर किन-किन मौकों पर देश की इकोनॉमी ने करवट ली है।
तो सबसे पहले आजादी की ओर चलते है जब देश आजाद हुआ था। उस दौरान दुनिया में केवल दो ही आर्थिक मॉडल थे। उस दौरान सिर्फ पश्चिमी देशों का आर्थिक ढांचा मजबूत था। एक था अमेरिका का पूंजीवादी मॉडल तो दूसरा रूस का साम्यवादी आर्थिक मॉडल था जहां सब कुछ सरकार के हाथों में था। उस समय प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने मध्य मार्ग निकालकर भारी-भरकम इनवेस्ट किया। क्षेत्रों में कई सारी सरकारी कंपनियां बनाई गई और साथ ही साथ प्राइवेट सेक्टर को भी फलने-फूलने का मौका दिया। इसी तरह से भारत की आर्थिक व्यवस्था को रास्ता मिला।
हरित क्रांति और श्वेत क्रांति ने आत्मनिर्भरता को हरी झंडी दी। देश के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने इकोनॉमी के लिए यहीं से एक नई शुरूआत की उन्होनें ने सबसे पहले किसानों को जोड़ा और देश ने हरित क्रांति और श्वेत क्रांति को पनपते देखा जिसका परिणाम निकला की भारत ने खाद्यान और दूध उत्पादन के मामले आत्मनिर्भरता का पहला उद्देश्य पूरा किया।
बैंकों का नेशनलाइजेशन का परिणाम ये हुआ कि आज भारत में बैंकिंग सेक्टर में तमाम दावें किए जाते हैं उनकी वजह है कि इंदिरा गांधी ने देश में बैंकों में नेशनलाइजेशन की नींव डाली। बैंकों के नेशलाइजेशन की वजह से ही भारत आज 140 करोड़ की आबादी में जन-जन के खाते खोल पाने में कामयाब हो पाई है। साथ ही देश में आई कंप्यूटर और टेलीकॉम क्रांति ने भी शानदार जलवा कायम किया है।
तो वहीं जब देश में प्रधानमंत्री मोदी चुने गए तो तब से गरीबों के लिए कई योजानाओं का आगाज किया गया। तमाम योजनाएं हैं जैसे फसल बीमा, प्रधानमंत्री आवास योजना, पीएम सुरक्षा बीमा योजना, पीएम किसान सम्मान निधि योजना, स्वनिधि योजना, उज्जवला योजना, ऐसी सैकडों योजनाएं हैं जो सामाजिक सुरक्षा की कड़ी बनी हुई हैं।