आगरा: अयोध्या के संत और तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर आचार्य जगद्गुरु परमहंस ने घोषणा की है कि वे पांच मई को आगरा जाकर वहां ताजमहल में भगवान शिव की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। उनकी इस घोषणा से आगरा जिला प्रशासन के अधिकारियों में खलबली मची हुई है।
जगद्गुरु परमहंस का कहना है कि इतिहास के साथ छेडछाड़ करके ताजमहल का गलत रखा गया है। ताजमहल का सही नाम शिव मंदिर तेजो महालय है। पहले यहां शिव का ही मंदिर था, लेकिन एक क्रूर शासक ने शिव मंदिर के स्थान पर ताज बनवाकर शिव भक्तों की धार्मिक आस्था पर कुठाराघात किया था।
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पीठाधीश्वर आचार्य जगद्गुरु परमहंस ने हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे पांच मई को ज्यादा से ज्यादा संख्या में ताजमहल के पश्चमी गेट पर पहुंचे। जगद्गुरु ने यह भी दावा किया कि भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित कराने के लिए आगरा में एक सनातन धर्म संसद का भी आयोजन किया जाएगा।
जगद्गुरु परमहंस पिछले सप्ताह अपने तीन शिष्यों के साथ अयोध्या से आगरा ताजमहल दीदार के लिए आये थे। तब उन्हें भगवा परिधान पहनने के कारण ताजमहल में प्रवेश नहीं दिया गया था और उन्हें वापस जाना पड़ा था। परमहंस ने कहा कि इस बार उनको ताजमहल में जाने से रोका गया तो वे वहीं अपना आमरण अनशन शुरु कर देंगे। इससे आगरा का माहौल बिगड़ने की आशंका भी जतायी जा रही है।
तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर परमहंस की इस घोषणा से आगरा प्रशासन के हाथ-पैर फूले हुए हैं। ताजमहल में शिव की प्राण प्रतिष्ठा होगी या नहीं, ये तो पांच मई को ही पता चल सकेगा, लेकिन संवेदनशील विषय होने से कारण सबकी नजर शासन-प्रशासन के इस मामले में उठाये जाने वाले कदम पर है।