Budget 2023: चुनावी साल में बजट के जरिये मध्यम वर्ग साध सकती है सरकार
अगले सप्ताह बजट पेश होना है और सरकार इसकी पूरी तैयारी भी कर रही है।सरकार चलाने और विकास की योजनाओं के लिए पैसे की जरूरत होती है ,यही वजह है कि सरकार न चाहते हुए भी जनता पर टैक्स लगाती है। यही सालो से चलते आ रहा है।
अगले सप्ताह बजट पेश होना है और सरकार इसकी पूरी तैयारी भी कर रही है। सरकार के लोग देश ,समाज के विभिन्न तपको से मुलाकात भी कर रही है और जनता की उम्मीदों पर खड़ा होने की कोशिश भी कर रही है। सरकार भी चाहती है कि देश की जनता को राहत मिले और देश के भीतर एक खुशनुमा माहौल भी बने। लेकिन सरकार की कुछ मज़बूरी भी होती है। सरकार चलाने और विकास की योजनाओं के लिए पैसे की जरूरत होती है ,यही वजह है कि सरकार न चाहते हुए भी जनता पर टैक्स लगाती है। यही सालो से चलते आ रहा है।
अब जबकि 2023 का बजट पेश होना है तो जनता की उम्मीदे काफी बढ़ गई है। खास कर मध्यमवर्ग की चाहत है कि पिछले कई बजट में उसके लिए कुछ नहीं किया गया। आमदनी कम होती गई और कर्ज का बोझ बढ़ता गया। इसके साथ ही टैक्स का बोझ अलग से। अब जानकारी मिल रही है कि इस बजट में माध्यम वर्ग के लिए सरकार कुछ अलग तरह की योजना भी लेकर आ सकती है। इस वर्ग को रहत देने के लिए कई तरह की छूट देने की बात भी हो रही है और माना जा रहा है कि इस बार माध्यम वर्ग को टैक्स में क्लाफी रिआयत दी जा सकती है। अगर ऐसा हुआ तो मध्यमवर्ग को रहत तो मिलेगी ही बीजेपी को चुनाव में भी लाभ होगा। बीजेपी जान रही है कि परेशान माध्यम वर्ग को टैक्स में रहत देकर चुनावी राजनीति को चमकाया जा सकता है।
देश में अधिकतर आबादी माध्यम वर्ग की है। यही वह आबादी है जिस पर बाजार भी निर्भर है और इसी आबादी पर सरकार का बोझ भी। फिर यही आबादी किसी भी पार्टी के पक्ष में जाकर राजनीति की दिशा बदलती है। ऐसे में इस बार सरकार को पता है कि जिस तरह का माहौल देश में दिख रहा है अगर माध्यम वर्ग को खुश नहीं किया गया तो राजनीतिक खेल खराब हो सकता है। इसलिए अब इस बात की सम्भावना अधिक हो गई कि जिन दस राज्यों में चुनाव होने हैं ,अगर माध्यम वर्ग को खुश नहीं किया गया तो इसके विपरीत असर हो सकते हैं। मौजूदा दौर में बीजेपी यह रिस्क नहीं ले सकती।
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उम्मीद की जा रही है कि इस बार टैक्स लिमिट में बढ़ोतरी सरकार कर सकती है। कहा जा रहा है कि यह टैक्स लिमिट पांच लाख के पार भी जा सकता है। इसके साथ ही कई योजनाओं की भी शुरुआत की जा सकती है जिसके जरिये माध्यम वर्ग को लाभ हो सके। सरकार के लोगों ने कहा है कि बजट में रोजगार निर्माण पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा ताकि चुनावी वर्ष में इसका लाभ मिल सके। बीजेपी के भीतर भी यह मंथन है कि केवल धार्मिक खेल के जरिए चुनाव में जीत हाशिल नहीं की जा सकती। विपक्ष की राजनीति जिस तरह से सरकार पर हमलावर हैं उससे बीजेपी भी परेशान है ऐसे में सरकार समझ रही है कि युवाओं के लिए अगर रोजगार का निर्माण नहीं हो सका तो चुनाव पर इसका विपरीत असर होगा। जाहिए इस बजट में विकास और रोजागर पर ज्यादा ध्यान दिया जा सकता है।
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