पटना। बिहार में बुधवार को जमीन के बदले रेलवे में नौकरी देने के मामले में सीबीआई ने जबरदस्त एक्शन करते हुए दो दर्जन से अधिक अधिक स्थानों पर छापेमारी की है। जिन नेताओं के घर और ठिकानों पर छापेमारी की है, उनमें लालू प्रसाद यादव के करीबी आरजेडी सांसद, एमएलसी, रिश्तेदार सहित तमाम आरजेडी नेता शामिल हैं। सीबीआई की छापेमारी से राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं में हड़कंप मचा हुआ है।
बिहार में रेलवे में नौकरी के बदले के जमीन मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किये गये लालू यादव के करीबी भोला यादव से पूछताछ के बाद इस प्रकरण में जो भी नाम सामने आये हैं, उन सबके घरों और ठिकानों पर सीबीआई ने बड़े स्तर पर छापेमारी की है। सीबीआई ने जिन लालू के करीबी आरजेडी नेताओं के घरों पर छापेमारी की है, उनमें आरजेडी सांसद राज्यसभा अशफाक करीम, मधुबनी के सांसद फैयाज अहमद, एमएलसी सुनील सिंह, एमएलसी सुबोध राय, लालू की पत्नी व पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के निजी सचिव नागमणि यादव, राबड़ी के मुंहबोले भाई सुभाष यादव आदि शामिल हैं।
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इनके अलावा अवैध खनन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी बिहार, झारखंड, दिल्ली और तमिलनाडु में 17 जगहों पर छापेमारी कर रही है। सीबीआई और ईडी के कई राज्यों में हो रही छापेमारी से जेडीयू व राजद के नेताओं में बेचैनी बढ गयी है। भ्रष्टाचार को लेकर जिस तरह से सीबीआई और ईडी एक्शन मोड में दिख रही है, उससे अधिकांश विपक्षी दलों के भ्रष्ट नेताओं की नींद उड़ी हुई है। उधर राबडी देवी ने कहा है कि हम सीबीआई के छापेमारी से डरने वाले नहीं है।
उधर आज बुधवार को ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विधान सभा में बहुमत सिद्ध करना है। इसे लेकर भी बिहार की राजनीति में घमासान है। नीतीश सरकार में इस समय विजय सिन्हा विधान सभा स्पीकर हैं, वे भाजपा से संबंधित हैं। कई दिन पूर्व सिन्हा से इस्तीफा देने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होने विधानसभा अध्यक्ष पद से त्याग पत्र देने से इंकार कर दिया था। विधान सभा स्पीकर ने साफ शब्दों में कह दिया था कि सरकार विधिवत रुप से अपना काम करेगी।