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विदेशों में बढ़ी राम मंदिर थीम वाली बनारसी साड़ियों का डिमांड, साड़ियों की खासियत जानकर हो जाएंगे खुश

Ram Mandir Saree: अयोध्या में 22 जनवरी को श्रीराम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी . इसको लेकर अयोध्या में राम मंदिर थीम वाली बनारसी साड़ियों का क्रेज भी पूरे देश ही नहीं अब विदेशों में भी बढ़ गया है. इन सभी साड़ियों की डिमांड लगातार सिंगापुर, इटली सहित गुजरात, बंगलूरू, महाराष्ट्र और चेन्नई में भी बढ़ता जा रहा है. काशी के साड़ी बुनकर सर्वेश श्रीवास्तव के नेतृत्व में लगभग 18 कारीगर काम कर रहे हैं. इन सभी साड़ियों का पर पूरा काम हाथ से ही किया जा रहा है. अयोध्या राम मंदिर थीम पर बनी बनारसी साड़ियों की डिमांड अब विदेशों में भी हो रहा है. खास उचंत बुनकरी की कला से तैयार ये साड़ियां सिंगापुर और इटली में भेजी जा रही हैं.

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22 जनवरी को अयोध्या राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है. तब तक इन साड़ियों की और मांग बढ़ने की उम्मीद है. लोहता कोरौता के रहने वाले सर्वेश कुमार श्रीवास्तव ने खास उचंत बुनकरी कला से इन बनारसी साड़ियों को तैयार कर रहे हैं. सर्वेश के अनुसार मौजूदा समय में इन साड़ियों की मांग और भी ज्यादा बढ़ गई है. सिंगापुर, इटली के अलावा महाराष्ट्र, गुजरात, चेन्नई और बंगलूरू से खास ऑर्डर मिल रहे हैं. हाल ही में सर्वेश कुमार श्रीवास्तव राम मंदिर डिजाइन वाली साड़ियों को इटली भेजी है. इन सभी बनारसी साड़ियों के आंचल पर राम मंदिर इसके साथ ही बॉर्डर पर सरयू की डिजाइन बनाई गई है. सर्वेश ने जानकारी देते हुए बताया कि प्योर रेशम से इन सभी साड़ियों पर पूरा काम हाथ से किया जा रहा है. पूरी साड़ी हथकरघे पर ही तैयार की जाती है. इन साड़ियों को तैयार करने में लगभग 2 महीने से ज्यादा का समय लगता है. लगभग 18 कारीगर मिलकर 1 साड़ी तैयार करते हैं. 1 साड़ी की कीमत 35 हजार रुपये है. साड़ियों के साथ साथ उन्होंने दुपट्टे को भी बनाए हैं. दुपट्टे के दोनों किनारे राम मंदिर की डिजाइन बनाई गई है. 1 दुपट्टे की कीमत पांच हजार रुपये है. दुपट्टे को तैयार करने में लगभग 3 महीने का समय लगता है.

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ये आइडिया अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के दौरान आया

साड़ियों की डिजाइन तैयार करने वाली नेहा श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि अयोध्या में राम मंदिर के शिलान्यास के दौरान ही साड़ी पर इस डिजाइन को उतारने का आइडिया आया था. लगभग 15 दिन की कोशिशों के बाद इस डिजाइन को तैयार की किया. कला विशेषज्ञों के अनुसार उचंत बुनकरी कला रामायण काल की कला है. इसमें सुइयों के सहारे साड़ी की बुनाई की जाती है.

प्रधानमंत्री की मां के लिए भी बनाई थी साड़ी

सर्वेश श्रीवास्तव ने बनारसी साड़ी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी मां की तस्वीर भी उकेर चुके हैं. उन्होंने बनारसी साड़ी पर प्रधानमंत्री मोदी और उनकी मां के अटूट प्रेम को दर्शाया था. सर्वेश प्रधानमंत्री की मां को ये साड़ी भेंट करना चाहते थे.

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Ashok Kumar

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