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काले पत्थर से क्यों बनाई गई रामलला की मूर्ति, जानिए ये कुछ रोंचक बातें जो बनाती हैं इसको बेहद खास

Ayodhya Ram Mandir: अयोध्‍या राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की तस्‍वीर जब से सामने आई है, तब से हर जुबान इसी चर्चा है। हर व्‍यक्ति रामलला की मूर्ति की एक झलक पाना चाहता है और खुद को प्रभु की भक्ति में लीन कर देना चाहता है। आज हम आपको इस मूर्ति के बारे में वो 10 खास बातें बताएंगे जो इसको सबसे अलग और अनुपम बनाती हैं। आइए जानते हैं क्‍यों है रामलला की यह मूर्ति सबसे खास। अयोध्‍या में 22 जनवरी को रामलला की जिस मूर्ति की प्राण प्रतिष्‍ठा की जाएगी, उसकी पहली झलक सामने आ चुकी है। भगवान राम के बाल रूप की मूर्ति की प्राण प्रतिष्‍ठा की जाएगी। काले पत्‍थर से बनी इस मूर्ति में रामलला की छव‍ि का अद्भुत आकर्षण है। मानो साक्षात भगवान राम के बाल अवतार के दर्शन हो गए हों। गुरुवार को इस मूर्ति को मंत्रोच्‍चारण के बीच मंदिर के गर्भगृह में स्‍थापित किया गया। उस वक्‍त इस मूर्ति की आंखें पीले वस्‍त्र से ढकी थीं और मूर्ति पर गुलाब के फूलों की माला चढ़ी हुई थी। बताया गया है कि 51 इंच लंबी इस मूर्ति को बुधवार रात को ही मंदिर में लाया गया था। आइए आज आपको बताते हैं इस मूर्ति से जुड़ी खास बातें।

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रामलला की यह मूर्ति कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाई है। इसे एक ही पत्थर से बनाया गया है, यानी मूर्ति वाले पत्‍थर में कोई भी दूसरा पत्‍थर नहीं जोड़ा गया है। इस मूर्ति का वजन करीब 200 kg है। मूर्ति की ऊंचाई 4.24 फीट और चौड़ाई 3 फीट है। इस मूर्ति में प्रभु श्रीराम के 5 साल के बाल रूप को दर्शाया गया है। रामलला की सुंदर मूर्ति में विष्णु के 10 अवतार देखने को मिल रहे हैं। ये 10 अवतार हैं- मत्‍स्‍य, कूर्म, वराह, नृसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्‍ण, बुद्ध, कल्कि हैं। मूर्ति के चारों तरफ बनाई गई पट्टिका में एक ओर नीचे हनुमानजी और दूसरी तरफ गरुड़ जी हैं। यह मूर्ति की भव्यता को 4 चांद लगा रहे हैं। रामलला (ramlala) की इस मूर्ति में मुकुट की तरफ पर सूर्य भगवान, शंख, स्वस्तिक, चक्र और गदा नजर आ रहा है। मूर्ति के मुकुट के पीछे सूर्य भगवान हैं जो प्रभु राम के कुल देवता हैं।

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मूर्ति में रामलला के बाएं हाथ को धनुष-बाण पकड़ने की मुद्रा में दिखाया गया है। हालांकि मूर्ति पर अभी धनुष-बाण नहीं लगाया गया है। काले पत्‍थर से बनाई गई रामलला की मूर्ति में प्रभु श्रीराम की बेहद मनमोहक छवि दिखाई दे रही है, जो सबको अपनी ओर आकर्षित कर रही है। श्यामल रंग के पत्थर से इस प्रतिमा का निर्माण हुआ है। श्याम शिला की आयु हजारों वर्षो तक होती है, यह जल रोधी होती है। मूर्ति में 5 साल के बच्चे की कोमलता की झलक है। चंदन, रोली आदि लगाने से मूर्ति की चमक प्रभावित नहीं होगी। रामलला की 51 इंच लंबी मूर्ति दक्षिण भारतीय शैली की है। इस मूर्ति को खड़ी अवस्था में इसलिए रखा गया है, ताकि दूर से लोग इसे देख सकें।

Prachi Chaudhary

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