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Election 2024: आखिर कौन होगा नए विपक्षी गठबंधन का नेता ?

Election 2024: बीजेपी (BJP) को घेरने के लिए विपक्षी एकता की बात जोर शोर से चल रही है। जब से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) दिल्ली पहुंचे और कांग्रेस (Congress) समेत कई पार्टियों के नेताओं से मिलकर पटना लौटे उसके बाद एक सवाल उठ रहा है कि जो भी नया गठबंधन बनेगा उसको लीड कौन करेगा ? इसमें एक सवाल और भी है ।पहला सवाल तो यही है कि क्या कांग्रेस की अगुवाई वाला यूपीए जारी रहेगा या फिर कोई और नया मोर्चा बनेगा ? और दूसरा सवाल है कि अगर मोर्चा बनता है तो उसका नेता कौन होगा ?

नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के पटना लौटने के बाद जिस तरह से राजद (RJD) और जदयू (JDU) के लोगों ने नीतीश कुमार का स्वागत किया है उससे यही लगता है कि नीतीश कुमार को शायद नए मोर्चा का संयोजक बनाया गया है या फिर बनाने पर सहमति हुई है। लेकिन इसमें सच क्या है यह कोई नहीं जानता। कई लोग यह भी कह रहे हैं कि नीतीश कुमार को यूपीए का संयोजक बनाया जा सकता है ।ऐसा हो भी सकता है और नही भी। और ऐसा होता है तो बाकी दलों के नेताओं की इस पर क्या राय होती है इस पर भी गौर करने की जरूरत है। क्योंकि एक बड़ी बात यह भी है कि जदयू अभी तक औपचारिक रूप से यूपीए की सदस्य भी नही है ।

यूपीए को बने लगभग बीस साल हो गए हैं। इसका अध्यक्ष खुद सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) है। इसका अभी तक कोई संयोजक नही रहा ।ऐसे में यह कहना अभी जल्दबाजी हो सकती है कि कांग्रेस बदले माहौल में कोई संयोजक बनाएगी। लेकिन इसका दूसरा पहलू यह है कि अब राजनीति बदल गई है। सबको मिलकर बीजेपी (BJP) का मुकाबला करना है ऐसे में संयोजक की भूमिका हो जाति है ।आगे क्या होता है इसे देखने को जरूरत होगी। उधर एनडीए के गठन में संयोजक की भूमिका रही ।अटल जी के समय में जोर्ज फर्नांडिस एनडीए (NDA) के संयोजक होते थे। एनडीए ठीक से चला भी। जॉर्ज साहब बीजेपी के घटक दल जदयू (JDU) से आते थे ।उनके बाद शरद यादव भी संयोजक रहे। आज एनडीए की हालत खराब है। इसमें से अधिकतर दल बाहर जा चुके हैं ।सत्ता केवल बीजेपी तक सिमट गई है।

जानकर कह रहे हैं कि एनडीए में जदयू (JDU) के नेता संयोजक होते रहे हैं। लेकिन क्या यूपीए में भी ऐसा होगा ?ऐसे में कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार को भले ही पुराने यूपीए का संयोजक भले ही नही बनाया जाय लेकिन नए मोर्चा का संयोजक इन्हे बनाया जा सकता है। क्योंकि यह तो साफ है कि अब बदले माहौल में यूपीए का विस्तार संभव नहीं है। अब जो भी विस्तार होगा वह नए मोर्चा का ही विस्तार होना है उसमे यूपी ए भी सहभागी होगा। नए मोर्चा की बात होती है तो इसके अध्यक्ष भी चीन जा सकते हैं और फिर संयोजक भी ।कहा जा रहा है कि मोर्चा का अध्यक्ष खोज हो सकते हैं या फिर कोई और भी ।जहां तक संयोजक की बात है इसके लिए भी कई नमो पर चर्चा चल रही है ।इसमें शरद पवार का भी नाम है और ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) का भी। इसके लिए स्टालिन के नाम की भी चर्चा हो रही है तो केसीआर के नाम को भी उछाला जा रहा है। सीताराम येचुरी के नाम पर भी बात हो रही है।

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हालाकि अभी तक इस मामले में कोई साफ बात नही हुई है। संभव है अगली बैठक में इस पर बात हो। लेकिन इतना तो तय है कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की इसमें बड़ी जिम्मेदार मिलने वाली है। यह भी संभव है कि संयोजक चाहे जो भी बने नीतीश को पीएम उम्मीदवार भी बनाया जा सकता है। कयास कुछ भी हो सकते हैं। असली मामला तो चुनाव परिणाम के बाद सामने आएगा।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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