गुजरात विधान सभा चुनावः आरोप प्रत्यारोपों को बीच थमा चुनाव प्रचार, हर तरफ मोदी-मोदी के शब्द गूंजे
मोदी बेशक आठ साल से दिल्ली में प्रधानमंत्री की गद्दी संभाले हुए हैं। लेकिन यह भी सच है कि उनका गुजरात से और न ही गुजरात के नागरिकों को उनके प्रति प्रेम कम हुआ है। आज भी जहां भी मोदी जाते हैं, उनके लाखों प्रशंसक व समर्थक उमड़ पड़ते हैं। हर तरफ मोदी-मोदी के नाम की ही गूंज सुनने को मिलती है।
गांधीनगर। गुजरात विधान सभा चुनाव प्रचार का शोर शनिवार को थम गया। भाजपा, आप और कांग्रेस ने पन्द्रह दिन तक एक दूसरे पर जमकर प्रहार किया। इस दलों के नेताओं ने परस्पर निजी व पार्टियों पर आरोप प्रत्यारोपों लगाये। लेकिन अब समय आ गया है कि वे मतदाताओं के किस हद तक प्रभावित कर सके।
गुजरात में चुनाव प्रचार का शोर बेशक थम गया है। दूसरे चरण के चुनाव में पांच दिसंबर को 93 सीटों के लिए मतदान होगा। चार दिसंबर को डोर टू डोर जाकर मतदाताओं से मिला जा सकता है। दोनों चरणों के चुनाव प्रचार में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सब पर भारी रहे।
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मोदी बेशक आठ साल से दिल्ली में प्रधानमंत्री की गद्दी संभाले हुए हैं। लेकिन यह भी सच है कि उनका गुजरात से और न ही गुजरात के नागरिकों को उनके प्रति प्रेम कम हुआ है। आज भी जहां भी मोदी जाते हैं, उनके लाखों प्रशंसक व समर्थक उमड़ पड़ते हैं। हर तरफ मोदी-मोदी के नाम की ही गूंज सुनने को मिलती है।
ताज्जुब की बात तो ये है कि मोदी की विपक्षी दलों के लोगों में भी जादुई प्रभाव है। तभी तो विपक्षी दलों की रैलियों में भी कई बार मोदी-मोदी के नारे लगे। चुनाव में फिर से भले ही भाजपा का सरकार बने, लेकिन मोदी ने मतदान से पहले ही गुजरात के मतदाताओं के दिलों पर विजय प्राप्त कर ली है।