नई दिल्ली। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता को जोशीमठ प्रकरण की सुनवाई के लिए उत्तराखंड हाईकोर्ट जाना चाहिए । सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने इस याचिका पर सुनवाई करने से इंकार करते हुए रद्द कर दिया।
बता दें कि स्वामी अतिमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट से दखल की मांग करते हुए जोशीमठ में हो रहे भूधंसाव को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की गयी थी। साथ ही प्रभावितों को सभी आवश्यक सुविधाओं दिलाने के आदेश देने की गुहार लगायी गयी थी।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश डीवाई चन्द्रचूड़, नायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जेबी पर्दीवाला पीठ ने सोमवार को सुनवाई की। याचिकाकर्ता को अधिवक्ता को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसके लिए याची को संबंधित राज्य के हाईकोर्ट में जाना चाहिए।
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इस मामले की इस तरह सीधी सुनवाई नहीं की जा सकती। सुप्रीम कोर्ट ने Joshimath से संबंधित याचिका खारिज कर दी। अब देखना होगा कि क्या Supreme Court में याचिका खारिज होने के बाद अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती हाई कोर्ट जाएंगे। यदि वे वास्तव में उत्तराखंड के जोशीमठ भूधंसाव के प्रभावितों को उचित मुआवजा दिलाने और इसे राष्ट्र आपदा घोषित करने के लिए हाई कोर्ट का रुख कब करते हैं।