नई दिल्ली। दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल सरकार द्वारा किये गये शराब घोटाले में सीबीआई ने शुक्रवार को 7 राज्यों के 21 जगहों पर सी छापे मारे। सीबीआई ने दिल्ली की आप सरकार में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर व आबकारी विभाग के चार अधिकारियों के आवासों व कार्यालयों पर भी छापेमारी की है। उधर छापेमारी की खबर मिलते ही आम आदमी पार्टी के हजारों कार्यकर्ता मनीष सिसोदिया के आवास पर पहुंचे गये, लेकिन पुलिस द्वारा बैरिकेटिंग किये जाने से वे घर में प्रवेश नहीं कर सके हैं।
बीजेपी ने दिल्ली की आप सरकार की नई आबकारी नीति में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया था। इस संबंध में दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव से रिपोर्ट तलब की थी। इसके बाद उप राज्यपाल ने पूरे मामले की जांच के लिए केन्द्र सरकार से सीबीआई की जांच कराने की सिफारिश की थी। इसके बाद ही मोदी ने पूरे मामले को सीबीआई के सौंप दिया था।
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सीबीआई ने यह बड़ी कार्रवाई की है। सीबीआई ने दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पूर्व एक्साइज कमिश्नर अरावा गोपी कृष्णना सहित चार अधिकारियों के ठिकानों पर भी छापेमारी हो रही है। सिसोदिया के पास ही आबकारी विभाग है, इसलिए पूरी घोटाले का सूत्रधार माना जा रहा है।
उधर केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि आप सरकार की नई शराब नीति में गड़बड़ी का पता इस बात से ही चलता है कि जिस दिन उप राज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी, उसी दिन आप सरकार ने पकड़े जाने की डर से नई शराब नीति वापस ले ली थी। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शराब के टेंडर दिये जाने के बाद शराब लाइसेंसधारियों को 144 करोड़ रुपये लाइसेंस फीस माफ करने के नाम पर लाभ पहुंचाया।
अरविन्द केजरीवाल सरकार ने रिश्वत लेकर शराब ठेकेदारों को भारी आर्थिक लाभ पहुंचाया और अब सीबीआई जांच में सारे घोटाले व सच्चाई खुलकर सामने आ जाएगी। उधर मुख्यमंत्री केजरीवाल ने मनीष सिसोदिया को कट्टर ईमानदार बताते हुए कहा कि वे सीबीआई जांच का स्वागत करते हैं, लेकिन साथ ही दावा किया कि उनके विरुध कुछ नहीं मिलेगा। केजरीवाल ने सिसोदिया की तरह सत्येन्द्र जैन को भी ईमानदारी का प्रमाण पत्र दिया था, लेकिन वह इस समय भ्रष्टाचार के मामले में जेल में हैं। अब देखना यह है कि सिसोदिया को कट्टर ईमानदार होने का दावा आगे कहां तक ठहरता है।