नई दिल्ली: योगी सरकार की मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत शासन द्वारा गठित की गयीं जांच समितियों को 15 मई तक प्रदेश की मदरसों की जांच रिपोर्ट सौंपनी होगीं। इसके लिए यूपी सरकार से शहरी क्षेत्र के मदरसों की जांच के लिए चार सदस्यीय और ग्रामीणों क्षेत्र के मदरसों की जांच के लिए तीन-तीन सदस्यीय जांच समितियां गठित की गयी हैं।
मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार एसएन पांडेय ने इस संबंध में प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर अपने-अपने जनपदों में स्थित मदरसों की निर्दिष्ट बिन्दुओं पर भौतिक अवस्थापना सुविधाएं आधारित जांच करके 15 मई तक मदरसों की जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपने का निर्देश दिया है।
मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार एसएन पांडेय द्वारा जारी पत्र के अनुसार शहरी क्षेत्र के मदरसों की जांच के लिए गठित जांच गठित समिति के अध्यक्ष उपजिलाधिकारी होगें, जबकि नगर शिक्षा अधिकारी, नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी और नगर पालिका अथवा नगर आयुक्त द्वारा नामित अभियंता सदस्य होंगे।
ग्रामीण क्षेत्र के मदरसों की जांच के लिए जांच समिति के अध्यक्ष उपजिलाधिकारी ही होगे, जबकि सदस्य के रूप में खंड विकास अधिकारी( बीडीओ) और खंड विकास अधिकारी द्वारा नामित अवर अभियंता सदस्य होंगे।
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ये मदरसा जांच समितियां यूपी के 7442 मदरसों की मान्यता प्रमाण पत्र, भूमि, भवन, किरायानामा आदि बिन्दुओं पर जांच करके अपनी रिपोर्ट हर हाल में 15 मई तक मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार कार्यालय को भेजनी होगी। कई बिन्दुओं पर मदरसों की जांच रिपोर्ट मांगे जाने पर सैकड़ों मदरसा संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है।