नई दिल्ली: कला और संस्कृति के भारत देश में कई रहस्यमयी (Mysterious Story) मंदिर हैं. उनमें से एक ऐसा भी मंदिर जिसमें लगे पत्थरों को थपथपाने से डमरू की आवाज आती है. भारत देश के हर कोने में किसी न किसी देवी-देवता का मंदिर जरूर देखने को मिल जाएगा.
इसी तरह से भारत देश में भी कुछ ऐसा है। जहां कई रहस्य हैं जो देश को अनोखा बनाते हैं। देश में मंदिर बहुत है और हर मंदिर के पीछे एक कहानी और कई मंदिरों में रहस्य हैं।
मंदिरों के पीछे का रहस्य
इनमें से कई मंदिर चमत्कारी और रहस्यमय भी हैं. कई मंदिरों के पीछे का रहस्य (Mysterious Story) आज भी उलझा हुआ है. आज हम आपको ऐसे ही एक मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो एक रहस्यमय मंदिर (Mysterious Story) है. ऐसी मान्यता है कि यहां पत्थरों को थपथपाने पर डमरू की तरह आवाज आती है. ये भगवान शंकर का मंदिर है, ये भी बताया जाता है कि यह एशिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर है।
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मंदिर की खास विशेषता
इस विशालकाय मंदिर (Mysterious Story) में चारो तरफ देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं. मंदिर के अंदर एक स्फटिक मणि शिवलिंग विराजमान है. इसके अलावा यहां माता पार्वती की मूर्ति भी स्थापित की गई हैं. यहां बड़ी की विशेषता है कि इस मंदिर के ऊपरी छोर पर 11 फुट ऊंचा एक विशाल सोने का कलश भी स्थापित है।
किसने रखीं नींव
इस मंदिर के पीछे की मान्यता है कि पौराणिक (Mysterious Story) काल में भगवान शिव यहां आए थे और कुछ समय रहे थे. इसके बाद 1950 के दशक में स्वामी कृष्णानंद परमहंस नाम के एक बाबा यहां आए. इन्होंने अपने मार्गदर्शन में जटोली शिव मंदिर का निर्माण कार्य शुरू करवाया. साल 1974 में उन्होंने इस मंदिर की नींव रखी थी. साल 1983 में परमहंस ने समाधि ले ली, लेकिन मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हुआ.