नई दिल्ली: नवरात्री (Navratri 2022) का पावन पर्व शुरू हो गया है। आज नवरात्र का तीसरा दिन है और आज मां चद्रघंटा की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में पूजा-पाठ से लेकर खान-पान तक बहुत साफ-सफाई और सावधानियां बरती जाती हैं। नवरात्र (Navratri 2022) के समय खाने में मांसाहारी तो दूर की बात है, हिंदू धर्म में प्याज-लहसून भी नही खाया जाता है। प्याज-लहसुन नही खाना ये तो सबको पता है लेकिन क्यों नही खाया जाता इसके पीछे का कारण बहुत ही कम लोग जानते हैं। आपने कभी सोचा है कि प्याज और लहसुन के सेवन को हिंदू धर्म में क्यों शुभ नहीं माना जाता है। अगर आप नहीं जानते तो चलिए हम आपको बताते हैं।
इन श्रेणियों में होते हैं खाने
हमारे हिंदू धर्म में खाने को 3 श्रेणियों में खाया जाता है। इसे राजसिक,तामसिक और सात्विक भोजन के नाम से जाना जाता है। पूजा-पाठ या नवरात्र (Navratri 2022) के समय ,सात्विक भोजन ग्रहण किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि सात्विक भोजन ही आपको भगवान के करीब ले जाता है इसीलिए इस समय शाकाहारी खाद्य पदार्थ के सेवन को कहा जाता है।
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पौराणिक कारण
हिंदू धर्म में लहसुन-प्याज ना खाने के पीछे एक पौराणिक कारण भी है। कहा जाता है कि जब समुंद्र मंथन हुआ था तो उसी वक्त एक असुर अमृत पीने लगा था। उसके बाद भगवान विष्णु ने उसके सिर को सुदर्शन चक्र से अलग कर दिया था। पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि जब असुर का सिर धड़ से अलग हुआ, तो उनके खून की कुछ बूंदें जमीन पर गिर गईं और इसी से लहसुन और प्याज पैदा हुई थी। यही कारण है कि लहसुन-प्याज में एक अजीब सी गंध होती है और हिंदू धर्म में प्याज और लहसुन का सेवन वर्जित है।
वैज्ञानिक कारण
नवरात्र (Navratri 2022) में प्याज लहसुन न खाने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी है। दरअसल शरद नवरात्रि अक्टूबर-नवंबर के महीने में पड़ती है और इस समय इन्फेक्शन का खतरा 12 महीनों में सबसे ज्यादा होता है और ऐसा मौसम में बदलाव के कारण होता है। विशेषज्ञों के अनुसार, मौसमी बदलाव के कारण हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है। यही कारण है कि हेल्थ एक्सपर्ट्स इस मौसम में ताजे फल, दही, सेंधा नमक, मौसमी सब्जियां, धनिया और काली मिर्च जैसे सात्विक भोजन का सेवन करने की सलाह देते हैं।