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27 साल बाद पड़ रहा Diwali के खास अवसर पर सूर्यग्रहण, इस दिन इन बातों का रखें खास ख्याल

नई दिल्ली: दिवाली (Diwali) के अगले दिन सूर्य ग्रहण होने से इस बार महापर्व के दौरान सूर्यग्रहण का साया रहेगा. धार्मिक नजरिए से ग्रहण को अशुभ माना गया है और ग्रहण में किसी भी तरह का शुभ काम और पूजा-पाठ वर्जित हो जाता है.  इस कारण से गोवर्धन पूजा एक दिन के लिए टल गया है. आपको बता दें करीब 27 सालों बाद दिवाली के तीसरे दिन गोवर्धन पूजा की जाएगी.

आपको बता दें  कि 24 अक्टूबर को दिवाली (Diwali) और 25 अक्टूबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण होगा. ये आंशिक ग्रहण है और देश में कई जगहों पर दिखाई भी देगा. इस वजह से दिवाली की गोवर्धन पूजा एक दिन टल गई है. ये धार्मिक नजरिये से भी खास रहेगा. क्योंकि इससे पहले 30 अप्रैल को सूर्य ग्रहण हुआ था. लेकिन वो देश में नहीं दिखा. खगोल वैज्ञानिक के मुताबिक भारत से दिखाई देने वाला अगला बड़ा सूर्य ग्रहण 21 मई 2031 को होगा. जो कि वलयाकार ग्रहण रहेगा. इसके तीन साल बाद 20 मार्च, 2034 को पूर्ण सूर्य ग्रहण भारत से दिखेगा.

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इस मामले पर खगोल वैज्ञानिक बताते हैं कि ये ग्रहण देश के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों में बेहतर ढंग से दिखेगा. वहीं, देश के पूर्वी हिस्सों में ये नहीं दिख पाएगा. क्योंकि उन जगहों (Diwali) पर सूर्यास्त हो चुका होगा. इसके अलावा यूरोप, उत्तरी अफ्रीका, मध्य पूर्व और पश्चिम एशिया के कुछ हिस्सों में भी ये आकाशीय घटना दिखेगी. आपको बता दें इस दौरान अमावस्या पर सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी लगभग एक लाइन में आ जाते हैं. जिसे सूर्य ग्रहण कहते हैं.

25 अक्टूबर को भी सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी लगभग सीधी रेखा में रहेंगे. जिससे चंद्रमा आंशिक रूप से कुछ वक्त के लिए सूर्य को ढंकता हुआ दिखाई देगा, जिससे आंशिक सूर्य ग्रहण होगा. इस ग्रहण (Diwali) के दौरान भारत में सूर्य का 55% हिस्सा चंद्रमा से ढंका होगा. वहीं ये ग्रहण आइसलैंड से शुरू होकर सऊदी अरब में खत्म होगा. अगर भारत की बात करें तो नई दिल्ली में ये ग्रहण शाम को करीब 4 बजकर 29 पर शुरू होकर. सूर्यास्त के साथ 18 बजकर 9 मिनट पर खत्म हो जाएगा.

वहीं धार्मिक नजरिए से जब सूर्य ग्रहण लगता है तो सूतक काल प्रभावी हो जाता है, और यह सू्तक काल (Diwali) सूर्य ग्रहण लगने के 12 घंटे पहले से शुरू होता है. 26 अक्टूबर को सूर्यग्रहण भारत में शाम साढ़े 4 बजे से लगना प्रारंभ हो जाएगा. ऐसे में सूतककाल 12 घंटे पहले ही लग जाएगा. इस दिन सभी मंदिरों के पट बंद कर दिए जाते है. ग्रहण की समाप्ति पर पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव किया जाता है. साथ ही गर्भवाती महिलाओं औऱ बच्चों औऱ बुजुर्गों को बाहर नहीं निकलने की सलाह दी जाती है.

Shubham Pandey। Uttar Pradesh Bureau

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