Bharat Jodo Yatra : क्या राहुल गांधी के पत्र को जनता आत्मसात कर पायेगी ?
“मैं उन लोगों के दृष्टिकोण और मूल्यों को आगे बढ़ाऊंगा जिन्होंने हमें हमारा असाधारण संविधान दिया है।” ये है भारत यात्रा पर निकले राहुल गांधी के शब्द । उन्होंने एक पत्र के जरिए देश के नाम इस संदेश को दिया है । राहुल ने पत्र की शुरुआत "आपका अपना राहुल " से किया है । राहुल ने इस पत्र में आर्थिक संकट की चेतावनी दी है ।
राहुल गाँधी की यात्रा (Bharat Jodo Yatra) अंतिम चरण में है। इसी बीच उन्होंने एक खुला पत्र जनता के नाम लिखा है। इस पत्र में हालांकि वही बात है जिसकी चर्चा लगातार राहुल अपनी यात्रा के दौरान करते चल रहे हैं। लेकिन पत्र में कुछ सन्देश भी हैं। आइए जानते हैं पत्र में छुपे सन्देश को।”मैं समझता हूं कि मेरी व्यक्तिगत और राजनीतिक यात्रा एक है – बेजुबानों को आवाज देना, कमजोरों का हथियार बनना, भारत को अंधेरे से उजाले की ओर ले जाना, नफरत से प्यार की ओर ले जाना, पीड़ा से समृद्धि की ओर ले जाना।”
“मैं उन लोगों के दृष्टिकोण और मूल्यों को आगे बढ़ाऊंगा जिन्होंने हमें हमारा असाधारण संविधान दिया है।”
ये है भारत यात्रा पर निकले राहुल गांधी के शब्द । उन्होंने एक पत्र के जरिए देश के नाम इस संदेश को दिया है । राहुल ने पत्र की शुरुआत “आपका अपना राहुल ” से किया है । राहुल ने इस पत्र में आर्थिक संकट की चेतावनी दी है ।
यह बात और है कि कांग्रेस के लिए यह जीवनदायिनी यात्रा अब समापन की ओर बढ़ रही है ।कांग्रेस की यह यात्रा 30 जनवरी को श्रीनगर में समाप्त होगी लेकिन 26 जनवरी से 26 मैच तक कांग्रेस हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा शुरू करेगी । इधर राहुल गांधी खुद को एक ऐसे नेता के रूप में पेश करने की तैयारी में हैं, जो समानता, न्याय और समृद्धि के इर्द-गिर्द बुने राजनीतिक एजेंडे के साथ देश में निराशा की भावना को समाप्त करेगा। राहुल गांधी की इसी सोच को जनता तक पहुंचाने के लिए कांग्रेस 26 जनवरी से हाथ से हाथ जोड़ो अभियान की शुरुआत करने जा रही है। राहुल के इसी उपरोक्त संदेश को 26 जनवरी से कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर पहुंचाया जाएगा। पत्र में राहुल ने खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वसनीय विकल्प के रूप में पेश किया है। राहुग गांधी के संदेश को भारत के छह लाख गांवों में 10 लाख बूथ तक पहुंचाने का प्लान है।
भारत जोड़ो यात्रा को लेकर राहुल गांधी ने पत्र में लिखा है, ”यह मेरे जीवन की सबसे समृद्ध यात्रा थी। मैं उस प्यार और स्नेह से अभिभूत हूं जो हर भारतीय ने हम पर बरसाया है। मैंने रास्ते में आपकी सभी कहानियाँ ध्यान से सुनीं।”
पत्र में चुनौतियों का वर्णन करते हुए राहुल ने लिखा है, “देश में एक स्पष्ट आर्थिक संकट पैदा हो रहा है। युवाओं में बेरोजगारी, मूल्य वृद्धि, गंभीर कृषि संकट है। लोग अपनी नौकरी खोने को लेकर चिंतित हैं। लोगों की आय कम हो रही है। बेहतर भविष्य के उनके सपने बिखर रहे हैं। देश भर में निराशा की गहरी भावना है।”
पत्र में लिखा, “आज हमारी बहुलता खतरे में है। विभाजनकारी ताकतें हमारी विविधता को हमारे खिलाफ करने की कोशिश कर रही हैं। विभिन्न धर्मों, समुदायों, क्षेत्रों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा किया जा रहा है। ये ताकतें जो संख्या में मुट्ठी भर हैं, जानती हैं कि जब लोग असुरक्षित और डरा हुआ महसूस करेंगे हैं तभी वे एक-दूसरे के लिए नफरत के बीज बो सकेंगे। लेकिन इस यात्रा के बाद मुझे विश्वास हो गया है कि इस शातिर एजेंडे की अपनी सीमाएं हैं और यह अब और नहीं चल सकता।”
पत्र के आखिरी पैराग्राफ में राहुल ने कांग्रेस के लिए समर्थन मांगा। उन्होंने लिखा है, ”कांग्रेस परिवार 137 वर्षों से अथक परिश्रम कर रहा है, पहले आजाद कराने के लिए, फिर एकजुट करने के लिए और फिर इस देश के निर्माण के लिए। हम हमेशा मुश्किल समय में देश को साथ लेकर आए हैं। आज फिर हमारा देश खुद को संकट की स्थिति में पा रहा है।”
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राहुल के इस पत्र में खुलासा किया गया है कि देश की जनता कांग्रेस का साथ दे ताकि देश की समस्या को खत्म किया जा सके ।अब देश को जनता राहुल के इस संदेश को किस रूप में लेती है इसे देखना होगा ।विपक्षी दल इस पत्र के साथ अपने को कितना फिट पाते हैं इस पर बाते होने लगी है ।
लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी सत्तापक्ष को जो राजा है ।राहुल ने जिन समस्याओं का जिक्र किया है उसे बीजेपी मानने को तैयार नहीं ।देश की वह जनता जो पिछले दस सालों से मोदी भक्ति की डफली पीट रही है, उसके जेहन में राहुल की बातें कितनी अंदर तक जाती है यह भी देखने की बात होगी ।लेकिन यह भी सच है कि जातीय ,धर्म और पांच किलो अनाज पर फसी जनता के सामने कोई बेहतर विकल्प कांग्रेस दे सकती है तो निश्चित रूप से देश की राजनीति करवट ले सकती है ।