देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने का काफी गंभीर हैं। अब तक विशेषज्ञ समिति को जो भी सुझाव मिले हैं, वे काफी उत्साजनक है। विशेषज्ञ समिति अक्टूबर में जनता, विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों से सीधे संवाद शुरु करेगी।
जनता से सुझाव आमंत्रित
पुष्कर सिंह धामी ने जस्टिस रंजना देसाई (सेनि) की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति गठित की है। यह समिति समान नागरिक संहिता के मानकों के लिए परीक्षण और क्रियान्वयन के लिए सुझाव मांग रही है। इसके लिए उत्तराखंड सरकार ने ई मेल व वेब पोर्टल से माध्यम से जनता से सुझाव आमंत्रित कर रही है।
एक हजार से ज्यादा सुझाव मिले
राज्य का किसी भी वर्ग व समुदाय का व्यक्ति 7 अक्टूबर तक यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए अपना सुझाव भेज सकते हैं। विशेषज्ञ समिति को अब तक एक हजार के अधिक सुझाव मिल चुके हैं। इनमें छह सौ से अधिक ई मेल द्वारा भेजे गये हैं। जबकि चार सौ से ज्यादा सुझाव वेब पोर्टल पर प्राप्त हुए।
यह भी पढेंः यूपी मुख्य सचिवः वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग से की मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ बैठक
समान नागरिक संहिता के लिए गठित विशेषज्ञ समिति शत्रुघन सिंह इससे बहुत उत्साहित हैं। वे कहते हैं कि अधिकांश लोग यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने के पक्ष में सुझाव दे रहे हैं। उनका कहना है कि कोई भी व्यक्ति 7 अक्टूबर तक सुझाव भेज सकता है।
समिति हर पहलू पर कानूनी व व्यवहारिक मंथन करेगी
इसके बाद समिति के सदस्य विभिन्न मंचों पर जाकर वहां अलग-अलग वर्गों से बात करेंगे। समिति विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधियों व आम जनता से बात करेगी। लोगों से सीधे संवाद से बातचीत के निष्कर्ष और चयनित सुझावों की रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसके बाद समिति हर पहलू पर कानूनी व व्यवहारिक मंथन करके मुख्यमंत्री कार्यालय को अपनी रिपोर्ट भेजेगी।
धामी उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने को गंभीर
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की दिशा में गंभीर प्रयास कर रहे हैं। यहां बहुत ही गंभीरता व तीब्रता से यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए काम हो रहा है। लगता है कि उत्तराखंड देश में समान नागरिक संहिता लागू करने वाला पहला राज्य बनकर इतिहास रच सकता है।