Hamburg Sustainability Conference: नवीकरणीय ऊर्जा और सतत विकास के क्षेत्र में भारत के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने के उद्देश्य से, केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी सतत विकास और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत के सहयोग को मजबूत करने के लिए जर्मनी की तीन दिवसीय यात्रा पर जाएंगे, जो 6 अक्टूबर 2024 से शुरू होगी।
केंद्रीय मंत्री जोशी 7 से 8 अक्टूबर, 2024 तक हैम्बर्ग स्थिरता सम्मेलन में भाग लेंगे और सतत विकास, ग्रीन हाइड्रोजन, कम लागत वाले वित्त और संपूर्ण नवीकरणीय ऊर्जा मूल्य श्रृंखला घटकों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम के मंत्रियों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय बैठकों की एक श्रृंखला भी आयोजित करेंगे।
मंत्री सम्मेलन में ग्रीन शिपिंग पर भारत की स्थिति और गतिशीलता क्षेत्र को डीकार्बोनाइज करने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन की भूमिका पर भी जोर देंगे। यह यात्रा भारत-जर्मनी संबंधों को बढ़ावा देगी, जिससे व्यापार के अवसर पैदा होंगे और भारत और दुनिया भर में नवीकरणीय ऊर्जा के विस्तार में तेजी आएगी। यह वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी को बढ़ावा देते हुए सतत विकास और नवीकरणीय ऊर्जा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत-जर्मनी द्विपक्षीय संबंधों पर विशेष जोर दिया है। भारत और जर्मनी के नेताओं के बीच अंतर-सरकारी परामर्श अक्टूबर, 2024 में भारत में होने वाला है। सितंबर, 2024 में आयोजित री-इन्वेस्ट 2024 के दौरान, दोनों देशों ने अक्षय ऊर्जा में निवेश के लिए भारत-जर्मनी मंच का शुभारंभ किया। यह मंच पूंजी की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए और अधिक व्यावसायिक अवसर और नए रास्ते बनाने, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण का समर्थन करने और दुनिया भर में अक्षय ऊर्जा में नवीन तकनीकी समाधानों के विकास को बढ़ाने में मदद करेगा।
भारत ऊर्जा संक्रमण में अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों की कर रहा है अगुवाई
भारत ने 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा स्रोतों से 40 प्रतिशत संचयी विद्युत शक्ति स्थापित क्षमता का अपना एनडीसी लक्ष्य 2021 में निर्धारित समय से नौ साल पहले हासिल कर लिया था और 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 50% संचयी विद्युत शक्ति स्थापित क्षमता प्राप्त करने के अपने एनडीसी लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। भारत द्वारा ऊर्जा संक्रमण के प्रयासों से अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। भारत अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन सहित अक्षय ऊर्जा के विकास और परिनियोजन के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों का नेतृत्व कर रहा है और स्थिरता सम्मेलन की यह यात्रा वैश्विक ऊर्जा संक्रमण के लिए भारत के प्रयासों को और गति प्रदान करेगी।