UP Govt. News: डॉ0 शिव खेड़ा ने कहा: सफलता के लिए पॉजिटिव एटीट्यूड को एथिक्स और इंटीग्रिटी के साथ अपनाएं!
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Lucknow News (लखनऊ न्यूज़)। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में कार्यक्षमता वृद्धि व्याख्यानमाला के अन्तर्गत चतुर्थ प्रस्तुतीकरण दिया गया। व्याख्यानमाला में प्रख्यात लेखक, शिक्षाविद् एवं मोटिवेशनल स्पीकर डॉ0 शिव खेड़ा ने ‘बड़ी उपलब्धि के लिए सफलता की ज्योति जलाएं’ विषय पर प्रस्तुतीकरण दिया।
मुख्य सचिव ने कहा कि यह व्याख्यानमाला प्रदेश के सचिवालयकर्मियों की क्षमता वृद्धि के लिए शुरू की गई थी। उन्होंने कहा कि शिव खेड़ा जी से बहुत सारी बातें सीखने को मिलती हैं। उनकी कहीं बातों पर अमल किया जाए तो बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं।
मुख्य सचिव कहा कि हमारे अधिकारियों, कर्मचारियों के पास मौका है कि वह बहुत कुछ कर सकते हैं। हमारा प्रदेश और देश बहुत तेजी से बदल रहा है। इस कायाकल्प की प्रक्रिया में उनका भी योगदान हो सकता है। सफलता के लिए सबसे महत्वपूर्ण है एटीट्यूड। आप सभी लीडर हैं और एक लीडर के लिए एटीट्यूड बहुत जरूरी है। पॉजिटिव एटीट्यूड को एथिक्स और इंटीग्रिटी के साथ अपनाएंगे तो, यह आपको आगे ले जाएगा।
प्रसिद्ध लेखक डॉ0 शिव खेड़ा ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि मैं उस प्रदेश में हूँ जहां मुख्यमंत्री जी ने चीजों को इंप्लीमेंट करने में हिम्मत भी दिखाई और हौसला भी। कायर इंसान कभी सच्चाई का साथ नहीं दे सकता और कमजोर इंसान कभी उसूलों का साथ नहीं निभा सकता। उन्होंने कहा कि मेरी किताब ‘यू कैन अचीव मोर’ में पहला वाक्य लिखा है कि जिस इंसान का नजरिया पॉजिटिव होता है, उसे कभी आप रोक नहीं सकते। वहीं नकारात्मक नजरिए वाले इंसान की कभी आप मदद नहीं कर सकते।
उन्होंने बताया कि एक चैंपियन बॉक्सर ने कहा था कि जिंदगी में सफल होने के लिए दो चीजें चाहिए। स्किल और विल (काबिलियत और इरादा)। एक के बिना दूसरा अधूरा है। इन दोनों में से विल की अहमियत स्किल से ज्यादा है। जब मेरे अपोनेंट ने मुझ पर प्रहार किया तो मैं गिर पड़ा। रेफरी काउंट कर रहा था। तब मुझे उठाने वाला स्किल नहीं था, बल्कि विल था। इस दौरान उन्होंने अपने जीवन की कहानी भी बयां की और सफलता का राज भी बताया।
शिव खेड़ा ने सफलता और असफलता पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि जो लोग सफल होते हैं वो भी गलतियां करते हैं, लेकिन कभी-कभार गलतियां करने से कोई असफल नहीं होता पर बार-बार गलतियां दोहराने से ही असफल होता है। ऐसा कोई इंसान नहीं है, जिसने गलती न की हो। सही काम करते चले जाओ तभी इंसान सफल होता है।
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मोटिवेशनल स्पीकर का कहना था कि अच्छे और पॉजिटिव कामों की श्रृंखला ही सफलता है, जबकि नकारात्मक काम और फैसलों की श्रृंखला ही असफलता है। आपको जिंदगी में बाहर कुछ नहीं बदलना है, बल्कि अपने अंदर ही बदलाव लाना है। उन्होंने कहा कि मैंने 47 साल पहले सीखा है कि पैसा कमाना और पैसा बनाना दो अलग-अलग चीजें हैं। पैसा कमाना स्पिरिचुअल चीज है, जबकि पैसा बनाना क्रिमिनल। जब आप पैसा कमाते हैं तो उसमें ऊर्जा लगाते हैं।
उन्होंने बताया कि गैलप की स्टडी के अनुसार 63 प्रतिशत लोग जो कमाने जाते हैं, वो अपना काम ही नहीं करते, 24 प्रतिशत लोग न खुद काम करते हैं और न दूसरों को काम करने देते हैं। सिर्फ 13 प्रतिशत लोग ही काम करते हैं, जो कि ईमानदारी से काम करते हैं। बिना काम के तनख्वाह चोरी के समान है। बहुत से लोग हैं जो दिखते बिजी हैं, लेकिन काम कुछ नहीं करते।
उन्होंने कहा कि जो लोग झूठ बोलते हैं वो चोरी भी करते हैं। उन्होंने कहा कि पहली बार झूठ बोलना मुश्किल होता है और बाद में आदती हो जाते हैं। कोई नहीं भी देख रहा हो तब भी सच बोलने से हम अपनी नजरों में ऊंचे उठ जाते हैं और झूठ बोलने से अपनी नजरों में नीचे गिर जाते हैं।
इस अवसर पर विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, विशेष सचिव, सचिवालय कार्मिक व मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित थे।