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यूपी के मंत्री राकेश सचान को एक साल की सजा, जमानत मिली, नहीं जाएंगे जेल

कानपुर। कानपुर के एक अदालत ने योगी सरकार में खादी ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री राकेश सचान को 31 साल पुराने मामले में आर्म्स एक्ट के मामले में एक साल के साधारण कारावास की सजा सुनायी। इसके साथ ही कोर्ट ने उन पर 15सौ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

एक साल की सजा होने के कारण एमएसएमई मंत्री राकेश सचान को अदालत ने बीस-बीस हजार के दो बंधक पत्र व एक निजी मुचलके पर जमानत दे दी गयी, जिससे उन्हें जेल नहीं जाना पड़ा। केबिनेट मंत्री राकेश सचान को अदालत ने 6 अगस्त को इस मामले में दोषी करार दिया था, लेकिन वे अदालत से फैसले की प्रति लेने के बाद अदालत से गायब हो गये थे। हालांकि सोमवार को वे अपने अधिवक्ताओं के साथ स्वयं ही अदालत में आत्मसमर्पण करने पहुंचे थे।अदालत की सारी कार्रवाई बंद कमरे में की गयी।

बता दें कि करीब तीस साल पहले राकेश सचान के पास से एक रायफल बरामद की गयी थी, लेकिन वे उसका लाइसेंस नहीं दिखा पाये थे। 1992 में नामांकन भरने क बाद उनके पास से रायफल बरामद की गयी थी और उसके लिए उन्होंने चुनाव आयोग से अनुमति नहीं ली थी। सचान का कहना था कि बरामद रायफल उनके नाना की थी और उसका लाइसेंस उनके नाना के नाम था। उसे वे ही उनके घर रख गये थे। उस रायफल से नोबस्ता में एक छात्र नृपेन्द्र सचान की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी।

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राकेश केअधिवक्ताओं का कहना था कि उनके घर से बरामद रायफल उनके नाना की थी और उनके नाम पर ही रायफल का लाईसेंस था। राकेश सचान के खिलाफ कानपुर की एसीएमएम तृतीय की अदालत में तीन मुकदमें चल रहे हैं, जिनमें तीनों में अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान है। इनमें आर्म्स एक्ट के तहत सोमवार को उन्हें सजा सुनायी गयी। दो मामले अभी विचाराधीन हैं।

Shubham Pandey। Uttar Pradesh Bureau

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