CAMPA Funding: उत्तराखंड को वन विभाग के प्रयासों का बड़ा फल, कैंपा योजना के तहत मिले 439.50 करोड़ रुपये
उत्तराखंड वन विभाग को केंद्र सरकार से कैंपा योजना के तहत 439.50 करोड़ रुपये की पूरी कार्य योजना की स्वीकृति मिली है। इस बजट से राज्य में वृक्षारोपण, मानव-वन्यजीव संघर्ष नियंत्रण और वन क्षेत्रों के संरक्षण जैसे कार्य किए जाएंगे। यह पहली बार है जब केंद्र ने राज्य के पूरे प्रस्ताव को 100% मंजूरी दी है, जो वन विभाग की बड़ी सफलता मानी जा रही है।
CAMPA Funding: उत्तराखंड वन विभाग को केंद्र सरकार से वनों के संरक्षण और संवर्धन के लिए इस वर्ष एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रस्तावों को राष्ट्रीय कैंपा (कंपनसेटरी अफॉरेस्टेशन फंड मैनेजमेंट एंड प्लानिंग अथॉरिटी) ने पूरी तरह से मंजूरी दे दी है। इससे राज्य को 439.50 करोड़ रुपये का बजट प्राप्त होगा, जिससे वनीकरण, मानव-वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम, शोध कार्य, वन मार्गों का रखरखाव और वन भूमि सीमांकन जैसे कई महत्वपूर्ण कार्यों को अंजाम दिया जाएगा।
100% बजट स्वीकृति की बड़ी उपलब्धि
उत्तराखंड उन चुनिंदा राज्यों में शामिल हो गया है जिसके कैंपा योजना के तहत भेजे गए प्रस्तावों को पूरी तरह से केंद्र की मंजूरी मिली है। पिछले वर्षों की तुलना में इस बार यह खास इसलिए है क्योंकि पूर्व में राज्य को संपूर्ण बजट नहीं मिल पाता था। उदाहरण के लिए, 2023-24 में 424 करोड़ के प्रस्ताव पर केवल 383 करोड़ तथा 2024-25 में 408 करोड़ के सापेक्ष केवल 369 करोड़ रुपये ही स्वीकृत किए गए थे। लेकिन इस बार वन विभाग के बेहतर समन्वय और स्पष्ट रणनीति के चलते 439.50 करोड़ रुपये का पूरा बजट पास हो गया है।
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1600 हेक्टेयर में होगा वृक्षारोपण
इस बजट का एक बड़ा हिस्सा राज्य में हरित क्षेत्र को बढ़ाने में उपयोग किया जाएगा। लगभग 1600 हेक्टेयर भूमि पर वृक्षारोपण करने की योजना है। इससे न केवल पारिस्थितिक संतुलन बहाल होगा, बल्कि पर्यावरणीय संकटों से भी निपटने में सहायता मिलेगी।
मानव-वन्यजीव संघर्ष को मिलेगा समाधान
राज्य में बढ़ते मानव-वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम के लिए इस बजट से खास प्रावधान किए गए हैं। लगभग 38 करोड़ रुपये का बजट 20,000 हेक्टेयर क्षेत्र में लैंडस्केप ट्रीटमेंट के लिए रखा गया है। इससे वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास बेहतर होंगे और उनके आबादी वाले क्षेत्रों में आने की घटनाओं में कमी आएगी।
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कैचमेंट एरिया ट्रीटमेंट के लिए 55 करोड़
वन विभाग ने कैचमेंट एरिया ट्रीटमेंट प्लान के तहत पूर्व निर्धारित कार्यों के लिए 55 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा है। यह जल स्रोतों के संरक्षण और मिट्टी क्षरण की रोकथाम जैसे कार्यों के लिए उपयोग में लाया जाएगा।
आधुनिकीकरण और सीमांकन कार्यों पर भी जोर
वन विभाग में आधुनिकीकरण के लिए भी बजट में 8 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। इसके तहत वन चौकियों को आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित किया जाएगा और कर्मचारियों को तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहीं वन भूमि के सीमांकन जैसे कार्यों के लिए 25 करोड़ रुपये का अलग से प्रावधान किया गया है, जिससे वन अतिक्रमण को रोका जा सकेगा।
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शोध और वन्यजीव संरक्षण पर भी होगा काम
इस बजट के तहत वानिकी और वन्यजीव संरक्षण से जुड़े शोध कार्य भी किए जाएंगे। इससे भविष्य की योजनाओं को वैज्ञानिक आधार पर तैयार करने में मदद मिलेगी। वन मार्गों का रखरखाव, नई चौकियों की स्थापना और संवेदनशील इलाकों में निगरानी व्यवस्था को भी मजबूत किया जाएगा।
केंद्र के साथ बेहतर समन्वय रहा सफलता की कुंजी
उत्तराखंड वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि इस सफलता का श्रेय केवल बेहतर योजनाओं को नहीं, बल्कि केंद्र सरकार से लगातार संपर्क और संवाद बनाए रखने को भी जाता है। विभाग ने कैंपा के सभी नियमों का पूरी तरह पालन करते हुए समय पर प्रस्ताव भेजे, जिससे केंद्र ने बिना किसी संशय के उसे स्वीकृति दी।
आने वाले वर्षों में होंगे दूरगामी परिणाम
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बजट का सही उपयोग उत्तराखंड के वन क्षेत्र, जैव विविधता और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में नए मील के पत्थर स्थापित करेगा। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और राज्य की हरित छवि और मजबूत होगी।
यह बजट न केवल उत्तराखंड वन विभाग की मेहनत और दूरदर्शिता का परिणाम है, बल्कि राज्य में सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।
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