ज्ञानवापी मस्जिद और काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर क्या है विवाद
Gyanvapi News varansi: ज्ञानवापी केस में वाराणसी कोर्ट ने अब तक का सबसे बड़ा फैसला सुनाया है.जिसके बाद हिंदू पक्ष को बड़ी राहत मिली है तो वहीं मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा,अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद के व्यास तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा का अधिकार दे दिया है..जो कि ज्ञानवापी विवाद में अब तक का सबसे बड़ा फैसला है.
अदालत की आज की सुनवाई में ये भी सामने आया कि 1993 में तत्कालीन सरकार ने बिना किसी ऑर्डर के व्यास तहखाने में पूजा बंद कर दी गई
वाराणसी कोर्ट के इस फैसले से हिंदू पक्ष को बड़ी राहत मिली है.अदालत ने हाल ही में व्यास तहखाने का ASI सर्वे भी कराया था.जिसमें हिंदू मंदिर के पक्ष में कई साक्ष्य मिले थे..आपको बताते हैं कि ASI सर्वे की रिपोर्ट में क्या कुछ खास था…
ASI की सर्वे रिपोर्ट की बड़ी बातें
- बड़ा भव्य हिंदू मंदिर होने का दावा
2.ASI रिपोर्ट में हिंदू मंदिर के 32 से ज्यादा प्रमाण
3.हिंदू मंदिर के 32 शिलालेख मिले
4.हिंदू मंदिर के खंभों के ढांचे मिले
5.पिलर की नक्काशियों को मिटाने की कोशिश
लेकिन मुस्लिम पक्ष ने इतिहास का हवाला देते हुए ASI की रिपोर्ट को ही झूठा बता दिया वहीं आज के फैसले को लेकर भी मुस्लिम पक्ष ने नाराजगी जाहिर की है. इसके साथ ही मुस्लिम पक्ष का कहना है कि इस फैसले के खिलाफ वे उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे…. वहीं हिंदू पक्ष अब इसके जवाब में इलाहाबाद हाईकोर्ट में कैविएट फाइल करेगा.
आपको बताते हैं कि ज्ञानवापी मस्जिद का पूरा विवाद आखिर क्या है
ज्ञानवापी विवाद की कहानी
1991
पहली बार मुकदमा दाखिल कर पूजा करने की अनुमति मांगी
1993
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यथास्थिति रखने का आदेश दिया
2018
सुप्रीम कोर्ट ने स्टे ऑर्डर की वैद्यता 6 महीने के लिए बताई
2019
Varansi court में फिर से इस मामले में सुनवाई शुरू हुई
फास्ट ट्रैक कोर्ट ने ज्ञानवापी के ASI सर्वे की मंजूरी दी
2023 जिला अदालत ने ASI सर्वे की मंजूरी दी
24 जनवरी 2024 वादी पक्ष को सर्वे रिपोर्ट दिए जाने का आदेश
25 जनवरी 2024 ASI सर्वे की रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी गई
31 जनवरी 2024 जिला अदालत ने व्यास तहखाने पूजा करने की अनुमति दी
वाराणसी कोर्ट ने जिस व्यास तहखाने में पूजा करने के लिए मंजूरी दी है… आपको अब उसके बारे में बताते हैं….
व्यास तहखाना क्या है?
व्यास तहखाना मस्जिद के नीचे स्थित है
यहां हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां मिली
नवंबर 1993 तक यहां पूजा होती थी
तत्कालीन राज्य सरकार ने 1993 में पूजा रुकवा दी
मुलायम सिंह सरकार ने इसे रूप से बंद करा दिया था
पूजा करने वाले सभी पुजारियों को हटा दिया था
ASI सर्वे के दौरान व्यास तहखाना में साफ-सफाई की गई थी और आज जिला अदालत ने व्यास तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा-पाठ करने की अनुमति देदी है 7 दिन के अंदर यहां पूजा शुरू भी हो जाएगी…. लेकिन अब सवाल ये है कि इस विवाद में आगे क्या होने वाला है…. क्यों कि भले ही फैसला हिंदू पक्ष के लिए राहत लेकर आया है लेकिन मुस्लिम पक्ष इससे बिल्कुल नाखुश है…. मुस्लिम पक्ष जिला अदालत के इस फैसले को लेकर उच्च न्यायालय जाने की तैयारी कर रहा है