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झारखंड तमाशा जारी ,हेमंत पर ईडी का शिकंजा तो ईडी के खिलाफ मामला दर्ज

झारखंड में हाई वोल्टेज राजनीति चल रही है। एक तरफ जहाँ सीएम हेमंत ईडी के शिकंजे में हैं और उनसे ईडी की लम्बी पूछताछ की गई। आगे भी की जाएगी। दूसरी तरफ सीएम हेमंत की तरफ से ईडी के खिलाफ मामला भी दर्ज कराया गया है। जानकारी के मुताबिक़ ईडी अधिकारीयों के खिलाफ एससी -एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया गया है। सीएम ने आरोप लगाया है कि ईडी के अधिकारी उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं क्योंकि वे एक आदिवासी समाज से आते हैं। उन्हें ईडी के अधिकारी लगातार प्रताड़ित कर रहे हैं। हेमंत के कहा है कि वे कुछ काम से दिल्ली गए थे और उनकी गैर हाजिरी में ईडी के अधिकारी उनके घर तक पहुँच गए। हेमंत ने रांची के एससी -एसटी सेल में ये शिकायत दर्ज कराई है।
उधर रांची से एक और खबर बीजेपी के हवाले से आ रही है। कहा जा रहा है कि गिरफ्तारी की संभावना को देखते हुए हेमंत सोरेन चाहते हैं कि अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को सीएम की कुर्सी सौपे। हालांकि हेमंत के इस निर्णय में सभी दलों के नेता भी सहमत हैं। लेकिन बीजेपी नेता निशिकांत दुबे ने कहा है कि झामुमो के ही 18 विधायक नहीं चाहते कि कल्पना सोरेन सीएम बने। बीजेपी नेता का कहना है कि झारखंड सरकार में शामिल झामुमो ,कांग्रेस ,राजद के विधायकों में एक मत नहीं है और उनके बीच ही हेमंत के खिलाफ लोग बोल रहे हैं। हालांकि इस बात की अभी तक कोई पुष्टि नहीं की गई है लेकिन बीजेपी अब इस मसले के जरिये वहां कोई खेल मकरने के फ़िराक में है।


जानकार मान रहे हैं कि ईडी के जरिये बीजेपी रांची में विधायकों को तोड़ने का खेल कर रही है। बीजेपी की इच्छा है कि लोकसभा चुनाव से पहले या तो सरकार को बदल दिया जाए और बीजेपी की सरकार बन जाये या फिर वहां हालत ऐसी कर दी जाए कि बहुत से विधायक टूट कर उसके साथ आ जाए।
एक तीसरी बड़ी खबर यह है कि विधायकों की खरीद विक्री को देखते हुए जहमुमो के अधिकतर विधायकों को रांची लग भेजा जा रहा है। खबर के मुताबिक़ सभी विधायकों को रांची से हटाने के लिए टूरिस्ट बसें भी रांची में पहुँच गई है।
लेकिन इन तमाम खेल के बीच अब इस बात की आशंका ज्यादा बढ़ गई है कि रांची में अब कोई बड़ा राजनीतिक खेल हो सकता है। बिहार में यह खेल हो चूका है और अगर रांची में भी बीजेपी का यह खेल पूरा होता है तो हिंदी पट्टी में बीजेपी पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान में उतर सकती है।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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