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अमेरिका ने भारत को ‘सुलेमानी किलर’ ड्रोन बेचने पर लगाई रोक

America -Bharat News: भारत ने 3 बिलियन डॉलर में अमेरिका से 31 MQ-9A C गार्जियन और स्काई गार्जियन ड्रोन की खरीद की है। ये ड्रोन अभी भारत को मिले नहीं हैं। इस बीच दावा किया गया है कि अमेरिका ने खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश की जांच के नाम पर इन ड्रोन की डिलीवरी रोक दी है।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिका ने भारत को 31 MQ-9A A गार्जियन और स्काई गार्जियन ड्रोन की डिलीवरी रोक दी है। अमेरिका ने शर्त रखी है कि जब तक भारत सरकार खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश की “सार्थक जांच” नहीं कर लेती, तब तक इन ड्रोन की डिलीवरी नहीं की जाएगी। पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है। वह भारत का घोषित आतंकवादी है, जो सिख फार जस्टिस नाम के आतंकवादी संगठन का घोषित सरगना भी है। वह कनाडा और अमेरिका जैसे कई देशों में खालिस्तान के लिए तथाकथित जनमत संग्रह भी कराता रहता है। वह अपने बयानों में भारत में हिंसा की धमकी देता रहता है।
अमेरिका ने पी-8आई की भी डिलीवरी रोकी!

रिपोर्ट में लिखा है कि भारत ने 3 बिलियन डॉलर में भारतीय नौसेना के लिए 15 C गार्डियन भारतीय वायु सेना (Indian Air force) और सेना के लिए 8-8 स्काई गार्जियन ड्रोन की खरीद की है। यह भी दावा किया गया है कि अमेरिका ने इस ड्रोन के अलावा भारत को बेचे जाने वाले छोटे-छोटे अधिग्रहणों को भी रोक दिया है, जिसमें 6 बोइंग P-8 आई लंबी दूरी के समुद्री गश्ती विमान खरीदने का प्रस्ताव भी शामिल है। ये 12 P-8I पोसीडॉन विमानों के पूरक हैं, जिन्हें भारतीय नौसेना पहले से ही संचालित कर रही है।

पन्नू की हत्या की साजिश के कारण डील अटकी!

रिपोर्ट में लिखा है कि अब रूकी हुई ड्रोन खरीद के लिए मंजूरी भारतीय रक्षा मंत्रालय की आंतरिक मंजूरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाशिंगटन की राजकीय यात्रा से एक हफ्ते पहले जून 2023 में दी गई थी। अमेरिका का दावा है कि पिछले नवंबर में सार्वजनिक किए गए एक संघीय अभियोग के अनुसार, पन्नू को मारने की साजिश – कथित तौर पर CC1 नाम के एक भारतीय सुरक्षा अधिकारी ने शुरू की थी। रिपोर्ट में वाशिंगटन के एक अज्ञात हाई प्रोफाइल सूत्र से मिली जानकारी के आधार पर दावा किया गया है कि “पन्नू की हत्या के प्रयास पर गुस्से के कारण यह खरीद अमेरिकी कांग्रेस में अटकी हुई है। अमेरिकी प्रतिनिधियों ने बिक्री को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक विधायी आंदोलन को रोक दिया है।”

America ने निखिल गुप्ता को बनाया बलि का बकरा

दावा किया गया है कि यह अज्ञात सूत्र अमेरिकी नीति निर्धारण के शीर्ष स्तर पर काम करता है। इसकी पहचान इसलिए गुप्त रखी गई है, क्योंकि वह मीडिया से बात करने के लिए अधिकृत नहीं है। इस सूत्र के हवाले से भारत को इन घातक, लंबी दूरी के हथियारों की आपूर्ति में देरी के बारे में बताते हुए कहा गया है कि भारतीय-अमेरिकी सांसद विशेष रूप से निखिल गुप्ता नामक एक भारतीय के अभियोग के परिणामों के बारे में गहराई से चिंतित हैं। उन पर औपचारिक रूप से पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है, और वर्तमान में अमेरिका में उनके निर्वासन तक चेक गणराज्य में हिरासत में हैं।

सांसदों को भड़का रहा briden प्रशासन

रिपोर्ट के मुताबिक , पिछले साल December में पन्नू की हत्या की कथित साजिश को लेकर एक संयुक्त बयान में 5 भारतीय मूल के अमेरिकी कांग्रेस सदस्यों ने चिंता जताई थी। इन सदस्यों को बाइडन प्रशासन से एक क्लासिफाइड ब्रीफिंग प्राप्त हुई थी। उन्होंने कहा था कि भारत के लिए पूरी तरह से जांच करना और जिम्मेदार लोगों को पकड़ना महत्वपूर्ण है, जिसमें भारत सरकार के अधिकारी भी शामिल हैं। अमेरिकी संघीय अभियोजकों का आरोप है कि निखिल गुप्ता ने न्यूयॉर्क में पन्नू को मारने के लिए हिटमैन के रूप में प्रस्तुत एक एफबीआई एजेंट को 100,000 डॉलर देने का वादा किया था। गुप्ता को अमेरिका के अनुरोध पर 30 जून को चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था।

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