D-Street’s move: अगले सप्ताह बाजार में क्या रहेगी दिशा? जानिए रणनीति और तकनीकी संकेत
अगले सप्ताह भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है। तकनीकी संकेत कमजोरी की ओर इशारा कर रहे हैं, जिससे निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है। विशेषज्ञ 'Sell on Rise' रणनीति और डिफेंसिव स्टॉक्स में निवेश की सलाह दे रहे हैं।
D-Street’s move: पिछले सप्ताह भारतीय शेयर बाजार ने तेज गिरावट के साथ सप्ताह का समापन किया, जिससे निवेशकों की चिंता बढ़ गई है। वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता, अमेरिकी बाजारों में गिरावट और घरेलू मोर्चे पर कमजोर संकेतों ने निफ्टी और सेंसेक्स पर दबाव बढ़ाया। अब सवाल यह है कि आने वाले सप्ताह में बाजार किस दिशा में जाएगा और इस स्थिति में निवेशकों को क्या रणनीति अपनानी चाहिए।
तकनीकी स्थिति: निफ्टी और सेंसेक्स कमजोर स्तर पर
निफ्टी 50 ने बीते सप्ताह में लगभग 2.5% की गिरावट दर्ज की और 23,000 के नीचे बंद हुआ, जो एक महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक और तकनीकी स्तर माना जाता है। चार्ट पर देखा जाए तो निफ्टी ने एक “बियरिश कैंडल” का निर्माण किया है, जो आगे और गिरावट की संभावना का संकेत देता है। आने वाले सप्ताह में 22,800–22,900 के स्तर पर पहला समर्थन मौजूद है। यदि यह स्तर टूटता है, तो अगला महत्वपूर्ण समर्थन 22,600 के पास माना जा रहा है।
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वहीं, सेंसेक्स भी 1,500 अंकों से अधिक की गिरावट के साथ सप्ताह का अंत कर चुका है। तकनीकी विश्लेषकों के अनुसार, बाजार में फिलहाल खरीदारी का कोई मजबूत संकेत नहीं है और मुनाफावसूली का दौर चल रहा है।
बैंकिंग और आईटी सेक्टर में मिलाजुला रुझान
बैंक निफ्टी में सीमित गिरावट देखने को मिली, लेकिन पूरे सप्ताह में इसमें स्थिरता बनी रही। बैंकिंग शेयरों में कुछ सकारात्मक संकेत देखे गए हैं, विशेषकर प्राइवेट बैंकों में। हालांकि, आईटी क्षेत्र में दबाव जारी है, मुख्यतः डॉलर के मुकाबले रुपये की मजबूती और ग्लोबल ऑर्डर फ्लो में गिरावट के कारण।
निवेशकों के लिए रणनीति: जोखिम प्रबंधन है अहम
आने वाले सप्ताह में बाजार की चाल अनिश्चित रह सकती है। इसलिए निवेशकों को एक सोच-समझकर बनाई गई रणनीति अपनानी चाहिए:
- ‘Sell on Rise’ रणनीति अपनाएं
मौजूदा स्थिति को देखते हुए, जब भी बाजार में थोड़ी सी तेजी दिखे, तो उसमें मुनाफा लेकर निकलना बेहतर रहेगा। इस रणनीति से अचानक गिरावट से बचाव किया जा सकता है।
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- स्टॉप लॉस का पालन करें
ट्रेडिंग करते समय स्टॉप लॉस निर्धारित करना अत्यंत आवश्यक है। इससे नुकसान सीमित रखा जा सकता है, खासकर जब बाजार में उतार-चढ़ाव तेज हो।
- डिफेंसिव स्टॉक्स में निवेश करें
फार्मा, एफएमसीजी और यूटिलिटी जैसे सेक्टर्स में स्थिरता देखने को मिल रही है। ऐसे डिफेंसिव स्टॉक्स में आंशिक निवेश करके पोर्टफोलियो को संतुलित किया जा सकता है।
- विकल्प (Options) की रणनीतियों का उपयोग करें
जो निवेशक जोखिम कम करना चाहते हैं, वे “Bear Put Spread” जैसी ऑप्शन रणनीतियों का सहारा ले सकते हैं, जिससे सीमित नुकसान के साथ संभावित मुनाफा अर्जित किया जा सकता है।
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बाजार में सतर्कता और रणनीतिक निवेश की आवश्यकता
वर्तमान में बाजार वैश्विक संकेतों और घरेलू घटनाक्रमों पर निर्भर है। अनिश्चितता के इस दौर में निवेशकों को जल्दबाज़ी से बचना चाहिए और केवल मजबूत तकनीकी या मौलिक आधार वाले शेयरों में ही निवेश करना चाहिए। जब तक बाजार में स्थायित्व नहीं आता, तब तक अल्पकालिक ट्रेडिंग में जोखिम सीमित रखने की सलाह दी जाती है।
आने वाले सप्ताह में एफआईआई गतिविधियां, डॉलर-रुपया का रुख और वैश्विक बाजारों का मूड प्रमुख कारक होंगे, जो भारतीय शेयर बाजार की दिशा तय करेंगे।
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