Politics News: राजनीति में कौन सा खेल कब किसके पक्ष में चला जाए यह किसी को कहाँ पता होता है ? खेल तो सभी दल वाले करते हैं। बीजेपी को मंदिर की राजनीति से बहुत उम्मीद है। जो लोग यह मान कर चल रहे हैं कि मोदी जी मंदिर के नाम पर सनातनी दिख रहे हैं और हिन्दुओं को उनका हक दिला रहे हैं। ऐसा कुछ भी नहीं है। कम पढ़ा लिखा लोग भी यह जानता है कि इस देश में सभी लोगों को उपासना का अधिकार है और सबको अपने ईश्वर में आस्था है। चुकी राम देश के कण -कण में व्याप्त हैं और पूरा देश यह जानता है कि हिन्दुओ का आस्था राम और अयोध्या से जुड़ा हुआ है इसलिए राम और अयोध्या की जब बाते होती है तो हिन्दू सेंटीमेंट जाग उठता है। यही सेंटीमेंट राजनीति को आगे बढ़ाती है और बीजेपी यह सब बखूबी कर रही है। मंदिर का विरोध आखिर कौन कर सकता है ? लेकिन दिखाने की कोशिश हो रही है कि इस देश में कुछ लोग मंदिर का विरोध कर रहे हैं। वे आम लोग भी हो सकते हैं और साधू संत से लेकर कुछ पार्टियां भी। लेकिन सच यह नहीं है। सच यही है कि विरोध का एक नैरेटिव सेट किया जा रहा है लाभ उठा सके। बीजेपी को इसका लाभ मिलेगा भी।
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आगामी लोकसभा की तैयारी जोरो पर हैं। बीजेपी को राम मंदिर से बहुत आस है तो कांग्रेस को अपनी भारत जोड़ो यात्रा पर नाज है। दोनों ही दल इस देश के बड़े दल है और देश के कोने -कोने में इसके संगठन मौजूद हैं। ऐसे में सत्ता पक्ष और विपक्ष की जो राजनीति है उसके बीच इस तरह के खेल चलते ही रहते हैं। हर कोई जानता है कि चुनावी मुकाबला मूलतः दो ही दलों के बीच है। एक तरफ बीजेपी है और उस बीजेपी को मजबूती देने के लिए कुछ दल उसके साथ हैं तो दूसरी तरफ कांग्रेस है जिसे मजबूत करने के लिए कुछ सामान विचारधारा की पार्टियां उसके साथ लामबंद है। उसका नाम है इंडिया अलाइंस।
बीजेपी इस देश की बड़ी पार्टी तो है ही ,सबसे धनी पार्टी भी है। उसका संगठन भी काफी मजबूत है। उसके साथ संघ जैसा एक बड़ा अस्त्र भी है। संघ देश भर में छाया हुआ है और उसके लोग बीजेपी को ही आगे बढ़ाते हैं। राष्ट्रवाद और हिंदियत्व का तड़का लगाते हैं और देश की भावना इस खेल में सरोबार होती है। इसी माहौल को देखते हुए कांग्रेस नेता शशि तरुर ने बड़ी बात कही है।
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उन्होंने कहा है कि आगामी चुनाव में जीत चाहे जिस भी गठबंधन का हो लेकिन बीजेपी बड़ी पार्टी बनकर उभर सकती है। यह संभव है कि बीजेपी पहले के मुकाबले में संख्या बल में पीछे हो जाए लेकिन बड़ी पार्टी बनकर उभर सकती है। शशि थरूर ने कहा कि बीजेपी को कमजोर किया जा सकता है। उसे नीचे लाया जा सकता है और उसके कई साथी बहार भी निकल सकते हैं। केरल के साहित्य महोत्सव में हिस्सा लेते हुए थरूर ने कहा कि देश बहुराजी है। इसके कई रूप और रंग है और यह भी जरुरी नहीं कि इंडिया गठबंधन को सभी राज्यों में पूर्ण समझौता करना पड़े। थरूर ने कहा कि केरल में ही वाम दल और कांग्रेस में समझौता मुश्किल है क्योंकि दोनों दलों की राजनीति अलग तरह की है। इसी तरह से तमिलनाडु में वाम दल ,कांग्रेस और डीएमके साथ में खड़े हैं और वहां कोई विवाद भी नहीं है। पिछले चुनाव भी ये सभी दल साथ मिलकर लाडे थे और इस बार भी साथ ही लड़ेंगे।