World Asthma Day 2025: सांस की तकलीफ से राहत दिलाएं इन 3 योगासनों के ज़रिए – आसान अभ्यास, गहरी साँस!
World Asthma Day 2025: हर साल मई के पहले मंगलवार को World Asthma Day मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य अस्थमा के प्रति जागरूकता फैलाना और अस्थमा से पीड़ित लोगों को एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए प्रेरित करना है। अस्थमा एक दीर्घकालिक (क्रॉनिक) श्वसन रोग है, जो सांस की नलियों में सूजन के कारण होता है।
World Asthma Day 2025: सांस की तकलीफ से राहत दिलाएं इन 3 योगासनों के ज़रिए – आसान अभ्यास, गहरी साँस!
हर साल मई के पहले मंगलवार को World Asthma Day मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य अस्थमा के प्रति जागरूकता फैलाना और अस्थमा से पीड़ित लोगों को एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए प्रेरित करना है। अस्थमा एक दीर्घकालिक (क्रॉनिक) श्वसन रोग है, जो सांस की नलियों में सूजन के कारण होता है। यह स्थिति व्यक्ति को बार-बार सांस फूलने, खांसी, सीने में जकड़न और थकावट जैसी समस्याओं से जूझने पर मजबूर करती है।
दवाइयों के साथ-साथ यदि अस्थमा के मरीज योग का सहारा लें, तो इसके लक्षणों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। योग न केवल शरीर को मजबूत बनाता है, बल्कि मानसिक तनाव को भी दूर करता है — जो कि अस्थमा का एक बड़ा ट्रिगर है।
इस लेख में हम आपको 3 ऐसे प्रभावी योगासन के बारे में बताएंगे जो अस्थमा के मरीजों के लिए बेहद लाभकारी हैं।
- भस्त्रिका प्राणायाम (Bhastrika Pranayama)
क्या है ये आसन?
भस्त्रिका एक शक्तिशाली प्राणायाम तकनीक है जिसमें तीव्र गति से सांस ली और छोड़ी जाती है। यह शरीर में ऑक्सीजन के प्रवाह को बढ़ाता है और फेफड़ों की कार्यक्षमता को बेहतर बनाता है।
कैसे करें?
सुखासन या पद्मासन में बैठें।
दोनों नथुनों से गहरी सांस अंदर लें और ज़ोर से बाहर छोड़ें।
यह प्रक्रिया 10 बार करें और फिर सामान्य सांस लें।
2 से 3 राउंड दोहराएं।
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फायदे:
फेफड़ों की ताकत बढ़ती है।
सांस लेने में आसानी होती है।
शरीर में ऊर्जा का संचार होता है।
- अनुलोम-विलोम प्राणायाम (Anulom Vilom)
क्या है ये आसन?
अनुलोम-विलोम एक सरल लेकिन बेहद असरदार प्राणायाम है जो नासिका छिद्रों को खोलता है और फेफड़ों को मजबूती देता है।
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कैसे करें?
दाएं हाथ के अंगूठे से दाहिने नथुने को बंद करें और बाएं नथुने से सांस लें।
अब बाएं नथुने को बंद करके दाएं से सांस छोड़ें।
फिर दाएं से सांस लेकर बाएं से छोड़ें।
यह प्रक्रिया कम से कम 5 से 10 मिनट करें।
फायदे:
नाक और फेफड़ों की सफाई होती है।
मानसिक शांति मिलती है।
अस्थमा के अटैक की संभावना कम होती है।
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- सेतु बंधासन (Setu Bandhasana – Bridge Pose)
क्या है ये आसन?
यह योग मुद्रा शरीर को एक पुल की आकृति में लाकर छाती और फेफड़ों को खोलने में मदद करती है।
कैसे करें?
पीठ के बल लेट जाएं और घुटनों को मोड़ें।
हाथों को शरीर के पास रखें और हथेलियों को ज़मीन पर टिकाएं।
धीरे-धीरे कमर को ऊपर उठाएं।
15 से 30 सेकंड रुकें और फिर वापस सामान्य स्थिति में आएं।
3 से 5 बार दोहराएं।
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फायदे:
छाती और फेफड़ों में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है।
सांस लेना आसान होता है।
थकावट और तनाव कम होता है।
जरूरी सावधानियां:
योगासन हमेशा किसी योग प्रशिक्षक की निगरानी में करें, खासकर यदि आप अस्थमा के गंभीर मरीज हैं।
योग सुबह खाली पेट करें।
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सांस लेते समय किसी प्रकार की तकलीफ हो तो अभ्यास तुरंत रोक दें।
नियमित अभ्यास से ही लाभ मिलेगा, इसलिए धैर्य बनाए रखें।
World Asthma Day 2025 एक अवसर है खुद को स्वस्थ और जागरूक बनाने का। अस्थमा भले ही पूरी तरह से ठीक न होता हो, लेकिन सही दवाइयों और नियमित योग अभ्यास से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। भस्त्रिका, अनुलोम-विलोम और सेतु बंधासन जैसे योगासन फेफड़ों को मजबूत बनाते हैं और श्वसन प्रणाली को बेहतर बनाते हैं। इन आसान उपायों से अस्थमा के मरीज भी एक सामान्य और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
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