ट्रेंडिंग

राष्ट्र को समर्पित नया संसद भवन, एतिहासिक पल में कौन रहा शामिल किसने किया विरोध !

New Parliament Inauguration: हवन, पूजा, वैदिक मंत्रोच्चार के बाद प्रधान मंत्री मोदी ने नए संसद भवन को देश को समर्पित कर दिया है। नए संसद का उद्घाटन किसी पर्व से कम नही रहा है। उद्घाटन को जश्न के रूप में मनाया गया। संसद के आस पास की ही नहीं बल्कि दूर दूर तक की अलौकिक छटा देखतें ही बन रही थी। इस पूरे कार्यक्रम का आयोजन भव्य तरीके से किया गया है।

बता दें कि सबसे पहले तो पीएम मोदी और लोकसभा स्पीकर पुराने संसद भवन परिसर में मौजूद महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पमाला अर्पित की। इसके बाद हवन पूजा की शुरूआत की गई। पीएम ने सेंगोल के आगे नतमस्तक किया और फिर इसे अपने हाथों से संसद भवन में स्थापित किया। इतना ही नही सभी धर्मों को समानता देंते हुए पीएम ने अलग-अलग धर्मों यानी कि (सर्वधर्म पूजा) को भी याद किया। क्यों कि इस दौरान सभी धर्मो के गुरूओं और वशिष्ठों को आमंत्रित किया गया था। उद्गाटन समारोह की लगभग एक घंटे पूजा अर्चना चली। जिससे पूरा भवन वैदिक मंत्रोच्चार से गूंज उठा। साथ ही पीएम ने नए संसद में राजदंड स्थापित किया। इसी के साथ शिलापट्ट का भी अनावरण किया है।

उद्घाटन के दौरन कई वरिष्ठ, दिग्गज हस्तियां, उधोगपति, बड़े बड़े नेता समेत तमाम लोग मौजूद रहें। पीएम मोदी के साथ ही लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला मौजूद रहें। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, के साथ ही कई अन्य राज्यों के सीएम इस ऐतिहासिक पल में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के लिए पहुंचे. चाहे असम के सीएम हेमंत विश्व शर्मा हो, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी समेत अन्य मुख्यमंत्री भी शामिल रहें। तमिलनाडु से कई मठो का जत्था भी नजर आया। अगर बात करें केंद्रीय मंत्रियो की तो कई केंद्रीय मंत्री भी रहें है। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और अमित शाह भी मौजूद रहे हैं।

देश ने तो आज एक नया इतिहास रच दिया है। भारतीय लोकतंत्र का यह भी एक अद्भुत समय है जब पीएम मोदी के नेतृत्व में इस नए संसद भवन का निर्माण हुआ है और देश को समर्पित किया गया। तो वहीं दूसरा पक्ष बेहद दुखी करने वाला रहा है। जिस लोकतंत्र के मंदिर का उद्घाटन किया गया है उस समारोह से देश के अधिकतर विपक्ष रूठे नजर आए हैं। वो इस उद्घाटन से दूर रहे हैं। करीब 20 विपक्षी दलों ने समारोह का बहिष्कार किया है। उनका कहना था कि लोकतंत्र के इस मंदिर का उद्घाटन राष्ट्रपति मुर्मू के हाथ से होना चाहिए न कि पीएम मोदी के हाथ से। पिछले सप्ताह भर से इस मामले को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में रार देखने को मिली है। बता दें कि बाय कॉट करने वाली लिस्ट में कांग्रेस, डीएमके, आम आदमी पार्टी, शिवसेना, सपा समेत मुख्य पार्टियां शामिल हैं।

Priyanshi Srivastava

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button