Latest News India World Cup Special! भारत और पाकिस्तान (India vs Pakistan) के बीच मुकाबला किसी जंग से कम नहीं होता है। 2003 की बात करें तो सचिन तेंदुलकर की एक पारी ने पाकिस्तान के 3 महान खिलाड़ियों का शानदार करियर तबाह कर दिया था। आइए जानें उस पारी की रोचक कहानी के बारे में…
भारत के लिए टेस्ट में सैकड़ों विकेट लिए गए, लेकिन जो कद सचिन तेंदुलकर या वीरेंद्र सहवाग का है, वह शायद ही किसी बल्लेबाज का होगा। अब आप सोच रहे होंगे कि भारत में तो एक से बढ़कर एक बल्लेबाज और गेंदबाज रहे हैं, लेकिन बात सिर्फ इन 2-3 की क्यों हो रही है। दरअसल, दोनों में एक बात कॉमन है। वह यह कि भारत के लिए टेस्ट में पाकिस्तान के खिलाफ हैट्रिक लेने का कारनामा इरफान पठान ने किया तो मुल्तान में वीरेंद्र सहवाग ने टेस्ट में ट्रिपल सेंचुरी बनाई। क्रिकेट में भगवान का दर्जा प्राप्त कर चुके सचिन ने वर्ल्ड कप ( world cup) में एक से बढ़कर एक पारी खेली और कभी तिरंगे का मान कम नहीं होने दिया।
‘भारत का mission 8-0’ सीरीज के तहत जब भारत और पाकिस्तान (India vs Pakistan) की टीमें वर्ल्ड कप (world cup) 2023 के तहत अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम (narandra modi stadium) में महामुकाबला खेलने के लिए उतरने वाली हैं तो बात करते हैं 2003 की, जिसके बिना दोनों देशों का क्रिकेट अधूरा है। शायद ही कोई ऐसा क्रिकेट फैन हो, जिसे सचिन का आइकोनिक छक्का याद नहीं हो। शोएब अख्तर की तूफानी गेंद पर थर्डमैन पर लगाया गया सिक्स आज भी क्रिकेट की दुनिया में सबसे बेहतरीन छक्के में शामिल किया जाता है। उन्होंने 98 रनों की पारी खेली थी। यह भारतीय क्रिकेट फैंस से ज्यादा पाकिस्तानियों को याद होंगी। लेकिन क्या आपको याद है कि इस मैच में सचिन तेंदुलकर का एक कैच छूटा था, जिसने एक-दो नहीं, बल्कि 3 महान खिलाड़ियों के करियर के लिए तबाही लेकर आया।
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दरअसल, वर्ष 2003 1 मार्च का दिन था। भारत में उस महीने ठंड का मौसम होता है, मगर उस वर्ष अजीब गर्मी थी। यह तपन सूरज की नहीं, बल्कि साउथ अफ्रीका से भारत-पाकिस्तान ( india Pakistan) मैच से आ रही थी। तापमान हाई था। स्टेडियम खचाखच भरा हुआ। कहते हैं कि अगर चांद पर भी टीम इंडिया (team india) खेलेगी तो वहां भी स्टेडियम नीले आसमान में ढका मिलेगा। यह तो फिर भी धरती का मामला था। भारत के सामने पाकिस्तान (Pakistan) था। उसने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का फैसला किया।
टीम इंडिया (team india) को 274 रनों का लक्ष्य मिला। यह उस समय का बड़ा और सुरक्षित टारगेट माना जाता था। वह भी पाकिस्तान (Pakistan) के पास स्विंग के सुल्तान वसीम अकरम और वकार यूनुस थे तो शोएब अख्तर नाम का तूफान भी आग उगलने को तैयार था। भारतीय टीम के लिए सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग की जोड़ी ने पारी का आगाज किया। पहले ओवर में सचिन-सहवाग ने वसीम अकरम को एक-एक चौका जड़ा तो दूसरे ओवर में मास्टर ने शोएब अख्तर नाम के तूफानी को 6, 4 और 4 यानी 3 बाउंड्री ठोकते हुए शांत कर दिया। मैच आगे बढ़ा तो छठे ओवर में वकार ने पहले सहवाग (21) और फिर अगली गेंद पर कप्तान सौरव गांगुली (0) को पवेलियन भेज दिया। लगा जैसे भारतीय टीम की कमर ही टूट गई, लेकिन फैंस का विश्वास कायम था, क्योंकि सचिन डटे थे।
तुझे (रज्जाक को) पता है तुमने किसका कैच छोड़ा है? वसीम अकरम, सचिन को गेंदबाजी कर रहे थे
यहां पाकिस्तान के पास भारत पर प्रेशर बनाने का पूरा मौका था। 7वें ओवर में एक मौका भी बना, जब वसीम की गेंद पर सचिन हवा में शॉट खेल बैठे। यहां मिड ऑफ पर तैनात अब्दुल रज्जाक ने वो गलती कर दी, जिसने न केवल उन्हें पाकिस्तान में विलेन बना दिया, बल्कि 3 महान क्रिकेटरों का करियर भी खत्म कर दिया। जी हां, रज्जाक के हाथ से लगकर गेंद छिटक गई और उसके बाद सचिन ने पाकिस्तानी गेंदबाजों का भरता बना दिया। सचिन उस समय सिर्फ 32 रन पर थे और इसके बाद 75 गेंदों में 12 चौके और एक छक्का की मदद से 98 रनों की पारी खेली और पाकिस्तान को हार के लिए मजबूर कर दिया।
अब आप सोच रहे होंगे कि वो कौन से 3 खिलाड़ी थे, जिनका करियर खत्म हुआ तो बता दें पहला नाम सईद अनवर का था, जिन्होंने इस मैच में 101 रनों की पारी खेली थी, जबकि दूसरी नाम वसीम अकरम का था, जिन्हें स्विंग का सुल्तान कहा जाता है और आखिरी नाम उनके जोड़ीदार वकार यूनुस का था। विश्व कप में पाकिस्तान का आखिरी मैच 4 मार्च को जिम्बाब्वे के खिलाफ खेला गया था और इसी के साथ ही इन तीनों की नेशनल ड्यूटी भी खत्म हो गई थी। यह अतिशयोक्ति नहीं है कि इन्हें फिर कभी नेशनल टीम में नहीं चुना गया। दूसरी ओर, भारतीय टीम इस विश्व कप की रनरअप बनी। उसे ऑस्ट्रेलिया से हार मिली और सचिन का सपना 2011 में वानखेड़े में पूरा हुआ, जब भारत ने श्रीलंका को हराकर विश्व कप जीता।