घर में शालिग्राम की ऐसे करें पूजा जरूर होगा लक्ष्मी का वास, कभी भी न करें ऐसी गलती नहीं तो होगा उल्टा असर
सनातन धर्म में शालिग्राम का काफी महत्व है. ऐसा माना जाता है कि शालिग्राम भगवान विष्णु का एक रूप है. भारतीय संस्कृति में माना जाता है कि, भगवान शिव जहां-जहां से गुजरे थे, वहां उनके पैरों के नीचे आने वाले कंकड़-पत्थर ने शालिग्राम का रूप धारण कर लिया. इसलिए हिंदू धर्म में लोग शालिग्राम को जागृति महादेव का रूप मानते हैं.
Shaligram Bhagwan! घर में अगर शालीग्राम हो तो घर के सभी वास्तु दोष दूर भाग जाते हैं.ऐसा इसलिये होता है क्योकि, शालिग्राम में भगवान विष्णु का ही एक रुप है. जानकारों के मुताबिक, शालिग्राम करीब 33 तरह के हैं, जिनमें से 24 तरह के शालिग्राम को भगवान विष्णु के 24 अवतारों से संबंधित माना जाता है. जिस घर में शालिग्राम होता है, वहां पर कभी भी गलत शक्तियों का वास नहीं करता है. चलिये आपको बताते हैं. शालिग्राम को घर में कैसे स्थापित करते हैं और उनके नियम क्या है.
सनातन धर्म में शालिग्राम का काफी महत्व है. ऐसा माना जाता है कि शालिग्राम भगवान विष्णु का एक रूप है. भारतीय संस्कृति में माना जाता है कि, भगवान शिव जहां-जहां से गुजरे थे, वहां उनके पैरों के नीचे आने वाले कंकड़-पत्थर ने शालिग्राम का रूप धारण कर लिया. इसलिए हिंदू धर्म में लोग शालिग्राम को जागृति महादेव का रूप मानते हैं. लेकिन अगर शालिग्राम संबंधी कुछ नियमों का पालन नहीं किया जाए तो कई तरह की समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है.
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गरुड़ पुराण और स्कंद पुराण के मुताबिक, सभी शालिग्राम शिलाओं में वास्तु दोषों को दूर करने की बहुत पॉजिटिव शक्ति होती है. हालांकि कुछ जो वास्तु दोष को दूर करने के लिए सबसे ज्यादा प्रयोग में लाया जाता है. वे मत्स्य शालिग्राम, नारायण शालिग्राम, गोपाल शालिग्राम, सुदर्शन शालिग्राम, सूर्य शालिग्राम और वामन शालिग्राम शिला हैं. किसी नकारात्मकता को दूर भगाने के लिये बड़े आकार के जनार्दन शालिग्राम, नरसिंह शालिग्राम, वराह शालिग्राम और सुदर्शन शालिग्राम शिला को बेहद शक्तिशाली कहा जाता है. ऐसा भी माना जाता है कि ये शिलाएं दूर दूर तक समृद्धि, सुरक्षा और शांति बनाय रखती है.
शालिग्राम शिला को रखने के फायदे
आपको बता दें कि, शालिग्राम की पूजा करने से आध्यात्मि शक्ति की प्राप्ति होती है. अगर लोग सुख समृद्धि की इच्छा के लिए शालिग्राम की पूजा करते हैं तो उन्हें सफलता अवश्य मिलती है ही आवश्य ही सफलता प्राप्त होती है. शालिग्राम पूजन से सुख संपत्ति का घर में वास होता है. साथ में सांसारिक सुखों की भी प्राप्ति होती है. शालिग्राम के घर में होने से कई चमत्कारी फायदे होते हैं. जिस घर में शालिग्राम की पूजा होती है, उस घर में लक्ष्मी का हमेशा वास रहता है. शालिग्राम की पूजा करने के लिए कुछ इन नियमों का पालन करना चाहिए.
1. आचरण शुद्ध रखें
ऐसा माना जाता है कि, शालिग्राम वैष्णव धर्म का सबसे बड़ा रूप है. शालिग्राम को सात्विकता का प्रतीक माना गया हैं. उनके पूजन में आचार-विचार की शुद्धता का खास ध्यान रखा जाता है. अगर आप घर में मांस या शराब का इस्तेमाल करते हैं तो, यह आपके लिए काफी घातक हो सकता है.
2. रोजाना पूजन
माना जाता है कि, कुछ समय को छोड़कर शालिग्राम की रोजाना पूजा करनी चाहिए. जैसे रोग, यात्रा या महावारी.
3. एक ही शालिग्राम हो
ऐसा भी है घर में सिर्फ एक ही शालिग्राम रखना चाहिए. कई घरों में कई शालिग्राम होते हैं जो उचित नहीं होते है.
4. पंचामृत से स्नान
पूजा करने से पहले शालिग्राम को रोजाना पंचामृत से स्नान कराना चाहिए.
5. चंदन और तुलसी
शालिग्राम पर चंदन लगाकर उसके ऊपर तुलसी का एक पत्ता रखना चाहिए. चंदन भी असली होना चाहिए. जैसे चंदन की एक लकड़ी को लाकर उसे शिला पर घिसे और फिर शालिग्राम जी को चंदन लगाएं.
जानिये क्यों हो जाता है व्यक्ति बर्बाद ?
बहुत से जानकार यह भी मानते हैं कि, शालिग्राम का पत्थर ब्रह्मांडीय ऊर्जा का एक स्रोत माना जाता है. इसका मतलब यह कि, यह खुद में एक ब्रह्मांड है. इसमें काफी अपार शक्ति होती है. इसका प्रभाव भी घर के काफी आसपास तक रहता है. इसे पवित्र और सकारात्मक बनाए रखना काफी जरूरी है, लेकिन अगर आप इसे किसी भी तरह से दूषित करते हैं तो निश्चित रुप से ही. आपके घर में क्लेश और बढ़ जाएंगा. अगर आप खुद गलत बुराइयों से दूर नहीं रखते हैं.