वाह रे किसानों…एंबुलेंस, स्कूल बस तक को नहीं दी जगह, आखिर क्यों?
Delhi Farmer Protest: कल अन्न उगाने वाले किसानों ने दिल्ली की सड़कों पर जमकर उत्पात मचाया। तस्वीरें डराने वालीं थीं, कोई किसानों का समर्थन कर रहा था तो कोई किसानों का खुलकर विरोध कर रहा था। दिल्लीवासी तो हद से ज्यादा परेशान हुए। कई तस्वीरें तो ऐसी सामने आईं जिससे की हर कोई स्तब्ध रह गया, क्योंकि किसान आंदोलन अपनी जगह था, लेकिन एंबुलेंस को रास्ता ना देना, वाहनों में आगजनी करना…ये सब बता रहा था कि किसानों के नाम पर कोई और ही खेला करने में जुटा था।
दरअसल आपको बता दें कि देश की राजधानी दिल्ली में किसान एक बार फिर आंदोलन करने के इरादे से कूच करने की कोशिश करते रहे। दूसरी ओर पुलिस भी पूरे दल-बल के साथ हालात काबू करने के लिए तैयार थी। लेकिन दिन भर सबसे ज्यादा मुसीबत दिल्ली और आस-पास के सटे इलाकों में रहने वालों की बढ़ी। लोगों का सुबह से लेकर शाम तक घर सेबाहर निकला मानो किसी सज़ा से कम नहीं था। दफ्तर जाना हो, स्कूल जाना हो… या फिर अस्पताल…दिल्ली वालों के ऊपर मानों मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा हो।
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दिल्ली कूच करन के इरादे से अबांला के शंभू बॉर्डर पर किसानों का जमावाड़ा लग गया था। किसान किसी भी हाल में अपनी मांगे पूरी करवाने पर अड़े रहे, लेकिन प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्ता मजबूत करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए। जबकि पुलिस ने कंटीले तारों का जाल भी बुन रखा था। दरअसल, पुलिस वाले सुबह से ही यहां डटे हए थे। लेकिन मुश्किलें दिल्ली और उसके आस-पास के सटे बॉर्डर एरिया की बढ़ गई थीं।
बता दें कि IGI एयरपोर्ट जाने वाले रास्ते हों या फिर गुरुग्राम के रास्ते हों.. आम लोगों के लिए ये भयानक जाम किसी सज़ा से कम नहीं थे। लोग घंटों जाम में फंसे रहे । दिल्ली आने वाली बसों से यात्रियों को पहले ही उतने को मजबूर होना पड़ा। यहां तक कि मरीज को ले जा रही अंबुलेंस भी रास्ता बंद होने से मुश्किल में पड़ गई। दिल्ली कूच के चलते दिल्ली और हरियाणा में धारा -144 भी कई जगह लागू की गई। जबकि दिल्ली के तीम प्रमुख सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर औऱ गाजीपुर बॉर्डर को सील किया गया। दो मेट्रो स्टेशन के गेट बंद किए गए
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हरियाणा सरकार ने 15 जिलों में धारा 144 लागू लगाई हुई थी। जबकि कई जगह इंटरनेट सेवाएं भी बंद रहीं।वैसे नोएडा आने जाने वाले रास्तों पर भी हालात कोई जुदा नहीं थे। यहां भी रेंगती गाड़ियां बता रही थी कि ये का दिन भारी रहने वाला है।
किसान आंदोलन को लेकर कृषि मंत्री भी एक्शन में नजर आए। कृषि मंत्री ने कहा कि किसान देश के अन्नदाता हैं।उनकी जायज मांगों पर सरकार को ध्यान देना चाहिए।जो किसानों को देश की चार जातियों में गिनती है।लेकिन इस बात का भी ध्यान रहना चाहिए कि घर की लड़ाई में कोई बाहर वाला रोटी न सेकने पाये। बहरहाल, किसानों ने जो प्रदर्शन किया हो सकता है वो जायज हो…लेकिन जो तस्वीरें सामने आईं थी उससे एक बात तो साफ थी कि किसान आंदोलन के नाम पर कोई और ही रोटियां सेंक रहा है।