Wrestlers Protest: महिला खिलाड़ियों की रुदाली का अंत नहीं
इस्तीफा भी नहीं और फेडरेशन चलता रहेगा। खिलाडी काम करते रहेंगे। बृजभूषण पर करवाई नहीं होगी। जांच होती रहेगी। अंत में फैसला यही हुआ। सरकार का यह यह खेल समझ से परे है। धरना पर बैठे खिलाड़ी वापस चले गए और संघ प्रमुख बृजभूषण अपनी मुछो पर ताव फेरते ठहाका लगाते रहे
Latest Delhi News | गजब की राजनीति। इस्तीफा भी नहीं और फेडरेशन चलता रहेगा। खिलाडी काम करते रहेंगे। बृजभूषण पर करवाई नहीं होगी। जांच होती रहेगी। अंत में फैसला यही हुआ। सरकार का यह यह खेल समझ से परे है। धरना पर बैठे खिलाड़ी वापस चले गए और संघ प्रमुख बृजभूषण अपनी मुछो पर ताव फेरते ठहाका लगाते रहे। राजनीति का यह सच बहुत कुछ कहता है। यह भरमाता भी है और लुभाता भी है। महिला खिलाडी पहले भी रुदाली कर रही थी ,आगे भी शायद यही सब चलता रहे। सच तो यही है कि कुश्ती फेडरेशन में बृजभूषण सिंह का कार्यकाल मार्च महीने तक है। बवाल नहीं होता तो वे फिर चुने जाते लेकिन अब संभव नहीं।
उन्होंने बीजेपी को बताया कि वे कलंकित होकर नहीं हटेंगे। सरकार यही रास्ता निकाले कि अब हम फेडरेशन का काम नहीं देखेंगे। और ऐसा नहीं हुआ तो हम अपना मुँह खोलेंगे जिससे सुनामी आएगी। यह भयानक बयान था। यह बयान खिलाड़ियों के लिए ,उन नेताओं के लिए भी था जो कई दूसरे फेडरेशन को हाँक रहे हैं और इसी तरह के खेल में संलिप्त रहे हैं। भला इतना बड़ा जहमत सरकार कैसे मोल लेती। फिर तय हुआ कि सांप भी मर जाए और लाठी भी नहीं टूटे। लोकतंत्र का यह खेल गजब का है।
देर शाम तय हुआ कि खिलाडियों के आरोप को लेकर एक जांच समिति गठित की जाएगी जो चार हफ्ते में रिपोर्ट देगी। तत्काल बृजभूषण फेडरेशन का काम नहीं देखेंगे। खिलाडी वापस जाए और अपने खेल पर ध्यान दें। खिलाडियों से कहलवाया गया कि वे सब खेल मंत्री से सहमत हैं और उन्हें निष्पक्ष जांच की उम्मीद है। फिर सब अपने घर को रवाना हो गए। लेकिन सवाल है कि महिला खिलाडियों ने जिस विषय को सामने रखकर आवाज बुलंद किया था उस पर कोई कार्रवाई होगी ? क्या आपको लगता है कि एक नेता दूसरे नेता को दण्डित करेंगे और क्या बृजभूषण पर लगे आरोप कभी सामने आएंगे ? खेल प्राधिकरण के पास यौन शोषण के चार दर्जन मामले पहले से ही लंबित है। कई कोचों पर यौन शोषण के मामले दर्ज है ,कोई परिणाम सामने आये अबतक ? और जांच कमिटी की तो यही कहानी अबतक रही है कि तत्काल मुद्दों को डायवर्ट करने के लिए यह सब किया जाता है। तत्काल मुद्दों को दबा दिया जाता है। यही इतिहास इस देश में जांच कमिटी की रही है। लेकिन इसी बीच एक और घटना सामने आयी है।
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हरियाणा सरकार के मंत्री और बीजेपी नेता संदीप सिंह पर युआन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला कोच ने अब खेल विभाग के एक वरिष्ठ महिला अधिकारी पर आरोप लगाया है। महिला कोच ने कहा है कि महिला अधिकारी ने मुझसे कहा कि मैंने बालों में जो कलर करवा रखे हैं ,इससे ऐसी लड़कियों के तो रेप होने चाहिए। महिला कोच ने उस महिला अधिकारी के खिलाफ खेल विभाग में शिकायत भी दर्ज की है। जांच भी हुई इस मामले में। लेकिन महिला कोच जांच से संतुष्ट नहीं है। महिला कोच कह रही है कि पुलिसिया जांच से मेरा विश्वास उठ चूका है और मैं कोर्ट का रुख करुँगी।
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ऐसे प्रकरण में अक्सर यही सब होता है और शायद होता भी रहेगा। हालिया मामले का अंजाम भी यही होगा। खिलाड़ी आखिर करेंगे क्या ? उन्हें अपने करियर का भी तो डर सत्ता रहा है। राजनीतिबाज लोग इसी का लाभ उठाते हैं। उधर विनेश फोगट के परिजनों ने जो कुछ कहा है उस पर भी गौर करने जरुरत है। विनेश फोगट के भाई हरविंद्र फोगट ने कहा कि महिला खिलाडियों के साथ इस तरह के वर्ताव ठीक नहीं। अगर ऐसे ही चला रहा तो कौन सा परिवार अपनी बहन बेटियों को खेल के मैदान में उतारेगा ? क्या देश इस बात को सुन सकेगा ? हरगिज नहीं। जो देश सालों भर चुनाव में मस्त रहता है और जाति और धर्म की चासनी में डूबकर चुनाव में कूद -कूद कर वोट डालता है उस समाज को इतना फुर्सत कहाँ कि महिलाओं की तार -तार इज्जत पर सवाल खड़ा करे। सच तो यही है कि यह सब पहले से होता रहा है और आगे भी होता रहेगा।