MANY LEADERS WON ELECTION 2024: साल 2024: उत्तराखंड की राजनीति का खास साल, कई नेताओं की चमकी किस्मत
MANY LEADERS WON ELECTION 2024: साल 2024 उत्तराखंड की राजनीति के लिए उतार-चढ़ाव से भरा रहा। इस साल कई नेताओं ने बड़ी जीत हासिल कर अपनी किस्मत चमकाई, तो वहीं कई नेताओं को हार का सामना करना पड़ा। राजनीतिक समीकरणों में बदलाव और नए चेहरे उभरने से राज्य की सियासत में नई दिशा देखने को मिली।
MANY LEADERS WON ELECTION 2024 : साल 2024 उत्तराखंड की राजनीति के लिए एक ऐतिहासिक वर्ष के रूप में दर्ज किया गया। इस साल चुनावी समीकरण और सियासी घटनाक्रमों ने राज्य की राजनीति को नई दिशा दी। लोकसभा चुनाव, विधानसभा उपचुनाव और नगर निकाय चुनाव जैसे बड़े घटनाक्रमों ने जहां सत्तारूढ़ भाजपा की ताकत को बढ़ाया, वहीं विपक्षी कांग्रेस ने भी अपनी स्थिति को सुधारने के प्रयास किए। आइए जानते हैं, साल 2024 के दौरान उत्तराखंड में क्या-क्या हुआ और किन नेताओं की किस्मत चमकी।
लोकसभा चुनाव: भाजपा का दबदबा बरकरार
साल 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने एक बार फिर प्रदेश की सभी पांच लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की। हरिद्वार लोकसभा सीट से त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जीत हासिल की। इससे पहले यह सीट रमेश पोखरियाल निशंक के पास थी। गढ़वाल सीट पर अनिल बलूनी ने भाजपा की ओर से चुनाव लड़ा और भारी मतों से जीत दर्ज की। इसके अलावा, अल्मोड़ा सीट से अजय टम्टा, नैनीताल-उधमसिंह नगर सीट से अजय भट्ट और टिहरी सीट से माला राज्य लक्ष्मी शाह ने भाजपा की जीत का परचम लहराया।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को राज्यसभा में भेजा गया, जिससे पार्टी की नीति और नेतृत्व में उनका कद और बढ़ गया। यह कदम उनके 2022 विधानसभा चुनाव में बदरीनाथ सीट पर हार के बावजूद उनकी संगठनात्मक क्षमता को देखते हुए उठाया गया।
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विधानसभा उपचुनाव: दोनों दलों की जीत-हार
साल 2024 में तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए: मंगलौर, बदरीनाथ और केदारनाथ। मंगलौर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन ने जीत दर्ज की, जबकि बदरीनाथ सीट पर कांग्रेस के लखपत बुटोला ने बाजी मारी। दूसरी ओर, केदारनाथ सीट पर भाजपा प्रत्याशी आशा नौटियाल ने जीत हासिल की।
बदरीनाथ सीट पर यह उपचुनाव इसलिए हुआ क्योंकि कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी भाजपा में शामिल हो गए थे। हालांकि, भाजपा के लिए यह सीट जीतना चुनौतीपूर्ण साबित हुआ और अंततः कांग्रेस के लखपत बुटोला ने इस सीट पर जीत दर्ज की।
केदारनाथ सीट पर उपचुनाव शैलारानी रावत के निधन के बाद हुआ। भाजपा ने महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल पर भरोसा जताया, जिन्होंने कांग्रेस के मनोज रावत को हराकर यह सीट अपने नाम की।
नगर निकाय चुनाव की सरगर्मियां
साल 2023 में नगर निकायों का कार्यकाल समाप्त हो गया था, लेकिन दिसंबर 2024 में निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी की गई। 27 दिसंबर से 30 दिसंबर तक नामांकन प्रक्रिया के बाद यह चुनाव नए साल 2025 की शुरुआत में होंगे। इस चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपने प्रत्याशियों के चयन में तेजी दिखाई, जिससे साल का अंत भी चुनावी सरगर्मी से भरपूर रहा।
कांग्रेस का प्रदर्शन और चुनौतियां
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। पांचों सीटों पर भाजपा का कब्जा होने के बावजूद कांग्रेस ने अपना जनाधार बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत की। कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि हार के बावजूद पार्टी जनता की सेवा में जुटी रहेगी और भविष्य में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।
2024 के चुनावी समीकरण: नेताओं की बदली तकदीर
इस साल कई नेताओं की सियासी किस्मत बदली। भाजपा ने लोकसभा और राज्यसभा में अपना दबदबा बरकरार रखा। वहीं, कांग्रेस ने विधानसभा उपचुनाव में दो सीटों पर जीत हासिल कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने इसे एक ऐतिहासिक वर्ष करार देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश और प्रदेश में विकास की नई इबारत लिखी जा रही है। वहीं, कांग्रेस नेताओं ने हार के बावजूद राज्य के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
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